How to make whole lentils: साबूत मसूर की दाल या काली मसूर की दाल खाने में जितनी टेस्टी होती है उतनी ही फायदेमंद भी होती है। काली मसूर दाल में विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन बी6 के अलावा प्रोटीन,कैल्शियम, आयरन समेत कई पोषक तत्व पाये जाते हैं। जो शरीर के लिए बेहद जरुरी होते हैं।
पढ़ें :- Gujarat's famous dish Lauki Muthia: कुछ चटपटा खाने का मन कर रहा है तो ट्राई करें गुजरात की फेमस डिश लौकी के मुठिया
काली मसूर की दाल शुगर के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है। आज हम आपको इसकी चटपटी दाल की रेसिपी बताने जा रहे है। जिसके साथ आपको न तो किसी सब्जी की जरुरत पड़ेगी न अचार की। बल्कि इसे आप चावल या रोटी के साथ बड़े ही चाव से खा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसकी रेसिपी।
काली मसूर या साबूत मसूर की दाल बनाने के लिए जरुरी सामग्री
एक कप काली मसूर की दाल
एक बारीक कटा प्याज
एक बारीक कटा टमाटर
एक या दो हरी मिर्च बारीक कटी हुई
आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर
आधा चम्मच हल्दी पाउडर
एक चम्मच आमचूर पाउडर
नमक स्वादानुसार
आधा चम्मच गर्म मसाला
दो से तीन चम्मच तेल
आधा चम्मच जीरा
एक चुटकी हींग
काली मसूर या साबूत मसूर की दाल बनाने का तरीका
पढ़ें :- Kanda bhajiya: बारिश के बाद बदले हुए मौसम में शाम की गर्मा गर्म चाय के साथ ट्राई करें क्रिस्पी कांदा भजिया
सबसे पहले काली मसूर या साबूत मसूर की दाल को अच्छे से बिन कर साफ कर लें, ताकि इसमें कंकड़ या कुछ पड़ा न हो। फिर इसे धो कर एक घंटे के लिए भिगने के लिए रख दें। अब कुकर गैस पर रखें। इसमें दो से तीन चम्मच तेल डालें। अब इसमें जीरा, हींग डालें।
फिर इसमें कटा हुआ प्याज डालकर भुनें। फिर इसमें टमाटर, हरी मिर्च डालकर थोड़ी देर भुनें। इसके बाद इसमें हल्दी पाउडर और लाल मिर्च पाउडर के साथ नमक डालकर एक मिनट पकाएं। ध्यान रहें थोड़ा सा पानी जरुर डाल लें, ताकि मसाला जले न।फिर इसमें बाकी के मसाले डाल कर मसाले को तब तक भुनें जब तक तेल न छोड़ दें।
अब इसमें साबूत या काली मसूर की दाल को डालें। एक से दो मिनट तक भुनें। फिर पानी डाल कर सीटी लगा दें। दो से तीन सीटी होने दें। फिर चेक करें दाल अच्छी तरह से गल गई हो तो गैस बंद कर दें। दाल अगर बहुत अधिक गाढ़ी लग रही हो तो आप इसमें गर्म पानी डाल कर पका लें।
दाल पतली हो जाएगी। लीजिए तैयार है आपकी चटपटी मसूर की दाल। गर्मा गर्म दाल को रोटी और चावल के साथ सर्व करें। ध्यान रहे आमचूर पाउडर को दाल पकने के बाद सबसे आखिर में ही डालें। वरना दाल अच्छी तरह से पकेगी नहीं।