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Umesh Pal Murder Case : अतीक के वर्चस्व को चुनौती दे रहा था उमेश, अपनी जमीन बचाने को माफिया ने लगाया ठिकाने

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ : प्रयागराज में राजूपाल हत्याकांड (Raju Pal Murder Case)  के गवाह उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस लगातार एक्शन में है। पुलिस ने सोमवार को दूसरे एनकाउंटर में शूटर विजय उर्फ उस्मान को मार गिराया। हत्याकांड में शामिल बाकी लोगों की पुलिस तलाश में जुटी है। माफिया अतीक अहमद को गुजरात से लाने की कवायद भी तेज हो गई है।

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इसके साथ ही बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ को भी लाने की तैयारी की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर विवेचक लगातार अतीक और उसके भाई को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए पर्चे काट रहे हैं। जल्द ही सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पुलिस अदालत से दोनों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का अनुरोध करेगी।

वहीं, जांच में एक और नया खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि उमेश ने माफिया अतीक अहमद से पांच करोड़ रुपये लिए थे। बाद में वह अतीक को ही धोखा देने लगा था। अतीक के गुजरात जेल जाने के बाद उसने कई बेशकीमती जमीनों के सौदे किए।

पुलिस-प्रशासन में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कब्जा कर लिया। जब अतीक को ये मालूम पड़ा, तो वह उमेश से खतरा महसूस करने लगा। प्रयागराज में अपना वर्चस्व खत्म होने के डर से उसने उमेश को ठिकाने लगाने की योजना बनाई।

उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो अतीक और उमेश के बीच बढ़ती दुश्मनी की पुष्टि करते हैं। पता चला है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट गठित होने के बाद दो-तीन महीने तक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच ऊहापोह का उमेश ने भरपूर फायदा उठाया।

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उसने अतीक के करीबियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया था। अतीक के करीबियों की जमीनों के सौदे में दखल देने लगा था। इसकी वजह से उसके खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हो गए थे। इसकी शिकायतें लगातार गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक तक पहुंच रही थी।

कोलकाता में शूटरों के छिपने की आशंका
सूत्रों की मानें तो अतीक के रिश्ते कोलकाता के बंदरगाह इलाके में तमाम मुस्लिम गद्दी मालिकों से हैं। अतीक ने गद्दी मालिकों के लिए कोलकाता में अपने गुर्गों के जरिए कई वारदातें भी अंजाम दी है।

पुलिस को संदेह है कि उमेश पाल की हत्या करने के बाद सारे शूटर प्रयागराज के सैदाबाद में रुके थे। अगले दिन सुबह अलग-अलग जगहों की ओर भाग निकले। इनमें से कुछ शूटरों ने कोलकाता में गद्दी मालिकों के पास शरण ली है। फिलहाल किसी शूटर के विदेश भागने का कोई प्रमाण नहीं मिला है।

 

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