नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) ने कहा कि देश में हार्ट अटैक (Heart Attack) के मामले कोरोना वायरस की वजह से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पहले कोविड का सामना करना पड़ा था। उनमें हार्ट अटैक (Heart Attack) और कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) का रिस्क हो सकता है। मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अध्ययन का हवाला देते गुए कहा कि जो व्यक्ति गंभीर रूप से कोविड वायरस का शिकार हुए थे। उन्हें दिल के दौरे से बचने के लिए एक या दो साल तक जरूरत से ज्यादा परिश्रम नहीं करना चाहिए।
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बता दें कि गुजरात में हाल ही में दिल संबंधी समस्याओं की वजह से बहुत से लोगों की मौत हुई है, जिसमें नवरात्रि महोत्सव के दौरान ‘गरबा’ खेलते वक्त हुई घटना भी शामिल है। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल (Health Minister Hrishikesh Patel) ने ‘कार्डियोलॉजिस्ट’ सहित चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ एक बैठक की। पटेल ने विशेषज्ञों से कारणों और उपचार का पता लगाने के लिए मौत के आंकड़े जुटाने को कहा है। मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) के बयान से यह साफ हो गया है कि हार्ट अटैक (Heart Attack) के केस बढ़ने का बड़ा कारण कोरोना वायरस (Corona Virus) है।
जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
दिल्ली (Delhi) के राजीव गांधी अस्पताल (Rajiv Gandhi Hospital) में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. अजित जैन (Dr. Ajit Jain in Cardiology Department) बताते हैं कि कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के बाद से ही हार्ट अटैक (Heart Attack) के केस बढ़े हैं। मरीजों की जांच के दौरान यह साफ हो गया था कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण हार्ट की आर्टरीज में खून के थक्के ( Blood Clot) बन गए थे। इन क्लॉट की वजह से हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी हो रही है। इस वजह से दिल का दौरा पड़ रहा है। क्लॉट बनने की एक बड़ी वजह कोरोना का साइड इफेक्ट है।
चिंता की बात यह है कि ये क्लॉट किसी भी उम्र के व्यक्ति के शरीर में बन रहे हैं। भले ही व्यक्ति बाहर से फिट नजर आ रहा हो, लेकिन उसकी हार्ट की नसों में खून के थक्के बन रहे हैं। कई मामलों में इसके कोई लक्षण भी नहीं दिखते हैं। यही कारण है कि अचानक हार्ट अटैक (Heart Attack) आ रहे हैं और लोगों की मौत हो रही है।
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वर्कआउट से बचें
सफदरजंग हॉस्पिटल (Safdarjung Hospital) में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दीपक कुमार सुमन (Cardiologist Dr Deepak Kumar Suman) बताते हैं कि जिन लोगों को कोरोना ने गंभीर रूप से बीमार किया था उन लोगों को हैवी वर्कआउट (Heavy Workout) करने से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह के हिसाब से ही एक्सरसाइज करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाती है। ऐसे लंग्स पर प्रेशर पड़ता है और हार्ट भी तेजी से ब्लड पंप करने लगता है। अगर हार्ट में कोरोना की वजह या अन्य किसी कारण से ब्लड क्लॉट ( Blood Clot) बना हुआ है तो हैवी एक्सरसाइज (Heavy Exercise) के दौरान हार्ट अटैक (Heart Attack) आने का खतरा है।