Vish yog : कुंडली में बनने वाले योगों में विष योग का नाम सुनते ही लोग कांपने लगते है। इस योग की गिनती अशुभ योग होती है। इस योग के बनने से जातक के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती है। विष् योग चंद्रमा और शनि की युति के कारण बनता है। इस योग के कुंडली में बनने के बाद जातक अकेले रहना ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं वह अकेले काफी खुश भी रहते हैं। साथ ही जातक के पास जो भी मौजूद होता है, वह उस में खुश रहना सीख जाते हैं।
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ऐसे बनता है विष योग
जब किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा और शनि एक साथ आ जाते हैं, तब विष योग बनता है। जब शनि और चंद्रमा आपस में अंतर्दशा से चल रहे होते हैं, तब इस योग का दुष्प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। यह योग जातक के जिस भी भाव में होता है, उसे उसी भाव में अशुभ फल प्राप्त होने लगते हैं।
योग के नुकसान
विष योग का असर जातक के मन और मस्तिष्क पर पड़ता है।शिक्षा और कैरियर के क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। जातक को तनाव, बेचैनी, चिंता आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं इस योग के कारण व्यक्ति को करना होता है। व्यवहारिक रिश्ते में भी परेशानियों का सामना करते है।
उपाय
अगर आप भी इसी योग से गुजर रहे हैं, तो आपको प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। साथ ही आपको हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस योग के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए सोमवार और शनिवार शनिदेव की पूजा करें।