नई दिल्ली। प्रयागराज संगम (Prayagraj Sangam) तट पर आयोजित होने महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) के लिए मंच तैयार है। हिंदू धर्म (Hinduism) का सबसे बड़ा समागम जनवरी 2025 में होने जा रहा है। इस पवित्र समागम में मुसलमानों के संभावित प्रवेश को लेकर विवाद छिड़ गया है।
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महाकुम्भ में मुसलमानों का कोई कार्य नहीं है और वैसे भी मुसलमानों ने कोई मांग भी नहीं की
देश का एक वर्ग का तर्क है कि मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए, जबकि दूसरा समूह इस बात पर जोर देता है कि उन्हें प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। इस मामले पर ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) ने कहा कि मुसलमानों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल मक्का शरीफ (Mecca Sharif) , जहां 40 किलोमीटर पहले गैर मुसलमानों को रोक दिया जाता है। इसलिए, महाकुम्भ में मुसलमानों का कोई कार्य नहीं है और वैसे भी मुसलमानों ने कोई मांग भी नहीं की। राजनीतिक दलों की ओर से माहौल बनाने का काम किया गया।
बीते 78 वर्षों में जिस प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने जो कार्य नहीं किया वह वर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किया
महाराष्ट्र चुनाव (Maharashtra Elections) को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) ने कहा कि बीते 78 वर्षों में जिस प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने जो कार्य नहीं किया वह वर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने किया है। हम चाहते हैं कि उनकी सरकार रिपीट हो।
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‘जम्मू-कश्मीर में मुसलमानों का मिला समर्थन,अगर योगी सरकार गौ माता को राज्यमाता का दर्जा दे तो मठ उनके नाम कर बन जाएंगे नौकर
गौ हत्या के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमें कश्मीर के मुसलमानों ने कहा कि गौहत्या पर महाराज जी कड़ा कानून बनवाइए। गौ हत्या पर पाबंदी के लिए हमें मुसलमानों और ईसाइयों का भी समर्थन मिलता है। अगर योगी सरकार (Yogi Government) गौ माता को राज्यमाता का दर्जा देती है तो सब कुछ उनके नाम कर देंगे। मठ उनके नाम कर देंगे उनके नौकर बन जाएंगे। बहुत खुशी होगी, दिल खोलकर आशीर्वाद देंगे।
बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात और हिदुत्व की राजनीति पर
शंकराचार्य ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की असली परिस्थितियों को जानने के लिए एक प्रतिनिधि मंडल जल्द ही बांग्लादेश जाएगा। राजनीति पर बता करते हुए उन्होंने कहा कि संविधान की ओर से धर्मनिरपेक्षता का शपथ ली जाती है, लेकिन बाहर आकर कहा जाता है कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं। किसी ने भी एफिडेविट पर नहीं कहा कि हम हिंदुओं की पार्टी हैं। पार्टी का दोहरा चरित्र होता है। वर्तमान समय में कोई भी पार्टी हिंदुओं की पार्टी नहीं है।