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क्या BCCI लखनऊ की गलती से लेगा सबक? वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी में बदलाव की जरूरत

By Abhimanyu 
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BCCI Venue Rotation Policy: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टी20आई सीरीज का चौथा मैच बुधवार को लखनऊ के इकाना क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना था। लेकिन, घने कोहरे और खराब विज़िबिलिटी के कारण मैच बिना टॉस के रद्द करना। मैच बुधवार शाम 7:00 बजे से शुरू होना था, लेकिन फैंस धैर्य के साथ रात 9:00 बजे तक फैंस मैच होने का इंतजार करते रहे। उन्हें निराश होकर वापस लौटना पड़ा। जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा जमकर फूटा। इस बीच, बीसीसीआई की वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।

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दरअसल, चौथा टी20आई मैच को रद्द करने का कारण भले ही घने कोहरे और खराब विज़िबिलिटी बताया गया हो। लेकिन, लखनऊ के एक्यूआई को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बुधवार को इकाना क्रिकेट स्टेडियम में वार्म-अप करते समय खिलाड़ियों को मास्क लगाए हुए देखा गया। अब फैंस सवाल उठा रहे हैं कि उत्तर भारत में सर्दियों के समय कोहरा, खराब हवा की क्वालिटी और बहुत ज़्यादा ओस आम बातें हैं तो इन परिस्थितियों के बावजूद बीसीसीआई इन शहरों को अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी कैसे सौंप सकता है? हालांकि, फैंस को बीसीसीआई की उस वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी को समझने की जरूरत है, जो यह सुनिश्चित करती है कि भारत में इंटरनेशनल क्रिकेट कुछ ही पारंपरिक सेंटर्स का अधिकार न बना रहे।

क्या है बीसीसीआई की वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी

बीसीसीआई की वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी का मकसद देशभर के सभी एसोसिएशन और वेन्यू को समान रूप से मौका देना है। भारत में कई ऐसे वेन्यू हैं जो इंटरनेशनल मैचों की मेज़बानी के लिए सक्षम हैं, और बोर्ड उन वेन्यू को रोटेट करता है जिससे नए और छोटे एसोसिएशन को भी बड़े मैचों की मेजबानी का मौका मिल सके। यह समानता, अलग-अलग क्षेत्रों में मैच फैलाने और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को इनाम देने जैसा है। इसके साथ ही नेशनल टीम को उन फैंस के बीच लाने की भी कोशिश है, जिन्होंने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को शायद सिर्फ टीवी स्क्रीन पर ही देखा है। यह पॉलिसी इंटरनेशनल क्रिकेट कुछ पारंपरिक सेंटर्स के एकाधिकार को रोकती है।

वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी पर विचार की जरूरत

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बीसीसीआई के पास भले ही वेन्यू-रोटेशन पॉलिसी का कोई पक्का फॉर्मूला नहीं है, लेकिन यह कमर्शियल व ब्रॉडकास्ट की ज़रूरतों और दूसरी बातों पर निर्भर करता है। कई मौको पर ये देखने को मिला है कि उन मैदानों को भी इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी सौंपी गयी, जिनको लेकर कोई उम्मीद नहीं थी। हालांकि, बीसीसीआई को इन सब चीजों के साथ भारत की भौगोलिक परिस्थितियों व मौसम के हिसाब से मैचों के आयोजन पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उदाहरण के तौर पर ओस की समस्या से निपटने के लिए मैच शाम की बजाय दिन में आयोजित किए जा सकते हैं। इसके अलावा, दक्षिण भारत जहां भीषण गर्मी पड़ती है, वहां के मैचों को बीसीसीआई अपने कलेंडर में सर्दियों के सीजन में शामिल करे।

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