वाराणसी। बुनकर कॉलोनी (Weavers Colony) के मैदान, नाटी इमली में अपना दल कमेरावादी (Apna Dal Kamerawadi) की विधायक डॉ. पल्लवी पटेल (Dr. Pallavi Patel) सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) का नाम लिए बगैर उन पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो बनारस (Banaras) आकर चुनाव लड़ें, हम समर्थन देंगे। कन्नौज (Kannauj) का रुख क्यों कर रहे हैं? हिम्मत होती तो खुद सामने उतरते। भाजपा (BJP) के पुराने कार्यकर्ता को न उतारते।
पढ़ें :- पीडीए समाज ने ठान लिया है बाबासाहेब और उनके संविधान को अपमानित और ख़ारिज करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से हटा देंगे : अखिलेश यादव
डॉ. पल्लवी पटेल (Dr. Pallavi Patel) ने कहा कि हमारी क्या गलती थी? राज्यसभा की तीन सीटें थीं। हमने कहा कि पिछड़ा, दलित और मुसलमान प्रत्याशी क्यों नहीं हो सकते? उन्हें पिछड़े, दलित और मुसलमान का सौ प्रतिशत वोट चाहिए, लेकिन उनका सम्मान नहीं चाहिए। वह वही हैं जिसके खिलाफ खनन घोटाले की जांच है और आय से अधिक संपत्ति का मामला चल रहा है। 2014 से अब तक के चुनाव में उनके साथ पिछड़ा, दलित और मुसलमान साथ खड़ा रहा। मगर, वह सब हारते चलते गए।
डॉ. पल्लवी ने कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) में मैं बनारस में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ थी। उन्हें बताया कि किसानों की जमीन लूटी जा रही है और बुनकरों का हक मारा जा रहा है। नौजवानों के हाथ में काम नहीं है। मगर, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कुछ नहीं दिखा। उन्हें बनारस में शराब पीते कुछ लोग ही दिखे।
डॉ. पल्लवी ने कहा कि बीजेपी (BJP) के राज में सबसे ज्यादा अत्याचार पिछड़ा, दलित और मुसलमान पर हुआ है। भाजपा भ्रष्टाचार का दलदल है। इस दौरान अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल (Krishna Patel, President of Apna Dal Kamerawadi) , प्रमासपा के अध्यक्ष प्रेमचंद्र बिंद, राष्ट्रीय उदय पार्टी के अध्यक्ष बाबूलाल पाल और गगन यादव सहित अन्य नेता मौजूद थे।
पेड़ पर चढ़ा एक युवक, पुलिस के छूटे पसीने
पढ़ें :- विपक्ष के समर्थकों के वोट काटने का कुत्सित खेल सिर्फ़ एक चुनाव क्षेत्र में ही नहीं बल्कि हर जगह खेला जा रहा : अखिलेश यादव
बुनकर कॉलोनी (Weavers Colony) के मैदान में सभा के दौरान एक युवक पेड़ पर चढ़ गया। पुलिस उसे कड़ी मशक्कत के बाद नीचे उतार कर ले गई। सभास्थल में मौजूद लोगों में अनुशासन की भारी कमी थी और इसके चलते कई बार बैरिकेडिंग टूटते-टूटते बची। मंच की ओर लोगों को जाने से रोकने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। बीच-बीच में लोग एक-दूसरे पर कुर्सी भी फेंक रहे थे और लोगों की उछलकूद के कारण जमकर धूल उड़ रही थी।