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Govats Dwadashi Vrat 2021 : गोवत्स द्वादशी के दिन करें गौ माता की पूजा, देवताओं का मिलेगा भरपूर आर्शिवाद

By अनूप कुमार 
Updated Date

गोवत्स द्वादशी: हिंदू धर्म में गाय को बहुत ही पवित्र माना गया है। हिंदू धर्म में गाय को माता कहा गया है। पुराणों में धर्म को भी गौ रूप में दर्शाया गया है। भगवान श्रीकृष्ण गाय की सेवा अपने हाथों से करते थे और इनका निवास भी गोलोक बताया गया है। इतना ही नहीं गाय को कामधेनु के रूप में सभी इच्छाओं को पूरा करने वाला भी बताया गया है। कईं विशेष अवसरों पर गाय की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि गाय में देवताओं का वास होता है। गाय की सेवा और पूजा करने से कई तरह के फायदे भी हमें मिलते हैं। महाभारत के अनुसार, गाय के गोबर और मूत्र में देवी लक्ष्मी का वास होता है।

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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी (Govats Dwadashi 2021) का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व इस साल 1 नवंबर को मनाई जाएगी। यह उत्सव धनतेरस से एक दिन पहले शुरू होगा। गोवत्स द्वादशी के दिन गौ माता की और उनके संतान की विधि विधान से पूजन किया जाता है।

भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं
गोवत्स द्वादशी से संबंधित कई पौराणिक कथाएं हैं। एक कथा के अनुसार राजा उत्तानपाद और उनकी पत्नी सुनीति ने सबसे पहले ये व्रत किया था। इस व्रत के प्रभाव से ही उन्हें भक्त ध्रुव जैसे पुत्र की प्राप्ति हुई। इसलिए निसंतान पति-पत्नी को उत्तम संतान के लिए ये व्रत करना चाहिए। इस दिन गाय की पूजा करने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं।

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