लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक जिम्मेदारी और सहभागिता पर जोर देते हैं। सीएम योगी लोगों से जैव विविधता संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की अपील भी करते नजर आते हैं। उनका कहना है कि यह सृष्टि केवल मनुष्य के लिए नहीं है। अगर हमें अपने अस्तित्व को बचाना है, तो हमें जीव-जंतुओं, जल स्रोतों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए सामूहिक रूप से कार्य करना होगा।
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सीएम योगी सनातन धर्म की परंपरा का उल्लेख करते हुए कहते हैं कि पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को देवताओं के साथ जोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं हमें सिखाती हैं कि पीपल, बरगद और जामुन जैसे वृक्षों का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है।
सीएम योगी के इन संकल्पों के विपरीत यूपी की राजधानी लखनऊ के हनीमैन चौराहे से हुसेड़िया के तरफ जाने वाली सड़क के किनारे लगे हरे पौधों को काटा गया है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जब पेड़ कटाई करने वालों व खुदाई करने वालों से बात की गई। तो उन्होंने बताया कि यहां पर सिटी बस स्टाफ का निर्माण किया जाएगा। जबकि जहां पर पेड़ों की कटाई की गई है। उससे मात्र 50-50 मीटर दूरी पर दो सिटी बस स्टाफ बना हुआ है। ऐसे में सवाल उठता है कि अब तीसरे की क्या जरूरत है? जबकि पुराने सिटी बस स्टाफ में लगी कुर्सियों व छत को हटा दिया गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि नए सिटी बस स्टाफ के निर्माण से पर्यावरण व सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने योगी सरकार से मांग की कि पर्यावरण नुकसान पहुंचाने व सरकारी धन का दुरुपयोग में संलिप्त अधिकारियों की जांच कराकर उचित कार्रवाई करें। ताकि पर्यावरण संरक्षण व सरकारी धन का दुरुपयोग रोका जा सके।
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