लखनऊ। यूपी (UP)की योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश में अधिवक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए जल्द अलग कानून होगा। शासन ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (Advocate Protection Bill) तैयार करने के लिए प्रमुख सचिव, विधायी विभाग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन कर दिया है।
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समिति में एडीजी अभियोजन तथा उप्र राज्य विधिज्ञ परिषद, प्रयागराज द्वारा नामित प्रतिनिधि बतौर सदस्य शामिल होंगे। समिति एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (Advocate Protection Bill) के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करेगी और अपने सुझाव व संस्तुतियां राज्य विधि आयोग (State Law Commission) को उपलब्ध कराएगी।
#UPCM @myogiadityanath के नेतृत्व की @UPGovt ने अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
यह समिति, एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श कर अपनी संस्तुति राज्य विधि आयोग… pic.twitter.com/05zwTKGPLm
— Government of UP (@UPGovt) September 19, 2023
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प्रमुख सचिव, न्याय व विधि परामर्शी प्रमोद कुमार श्रीवास्तव (द्वितीय) ने इसका आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश में अधिवक्ता लंबे समय से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट बनाए जाने की मांग करते आ रहे हैं। हापुड़ में 29 अगस्त को वकीलों पर लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ताओं ने पूरे प्रदेश में हड़ताल की थी।
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र (Chief Secretary Durgashankar Mishra) की अध्यक्षता में 14 सितंबर की रात यूपी बार काउंसिल (UP Bar Council) के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में उनकी पांच सूत्रीय मांग पत्र पर विचार हुआ था। जिसमें भी प्रदेश में एएडवोकेट प्रोटेक्शन बिल (Advocate Protection Bill) लागू कराए जाने की मांग को प्रमुखता से रखा गया था।
शासन ने इसके निर्धारण के लिए समिति के गठन पर सहमति जताई थी। सुलह के तहत ही अगले दिन हापुड़ के एएसपी व सीओ का तबादला कर दिया गया था। घटना के बाद प्रदेश में हड़ताल के दौरान अधिवक्ताओं के विरुद्ध दर्ज मुकदमे समाप्त किए जाने का निर्णय भी हुआ था।