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Afghistaann : तालिबान अपनी क्रूरता छिपाने के लिए प्रेस को निशाना बना रहा,स्टूडियो कब्जाने में जुटा आतंकी संगठन

By अनूप कुमार 
Updated Date

Afghanistan: Taliban targeting press

अफगानिस्तान: अफगानिस्तान (Afghistaann ) में क्रूरता कर र​हे तालिबान (Taliban)ने अपने लड़ाकों द्वारा की जा रही हिंसा (Violence) पर पर्दा डालने के लिए वहां प्रेस को निशाना (Afghanistan: Taliban targeting press) बना रहा है। तालिबानी आतंकी मीडिया संस्थानों (media institutions) पर तोड़फोड़ और कब्जा कर रहे है। पत्रकारों और मीडिया कर्मियों (media personnel) को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अफगान सूचना और संस्कृति मंत्रालय (Afghan Ministry of Information and Culture)  ने मंगलवार को कहा कि पिछले तीन महीनों में हिंसा में हो रहे इजाफे की वजह से देश में 51 मीडिया आउटलेट बंद कर दिए गए हैं।

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खबरों के अनुसार,मंत्रालय ने कहा कि चार टीवी नेटवर्क सहित 16 मीडिया आउटलेट हेलमंद (Helmand) में हैं, जिन्होंने हाल के हफ्तों में काम करना बंद कर दिया है। सूचना और संस्कृति के कार्यवाहक मंत्री कासिम वफीजादा ने कहा, अब तक 35 मीडिया आउटलेट ने अपना संचालन बंद कर दिया है. छह से अधिक मीडिया आउटलेट तालिबान के हाथों में चले गए हैं और उनकी गतिविधियों को तालिबान अपनी आवाज के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।

अफगानिस्तान (Afghanistan) में ओपन मीडिया का समर्थन करने वाले संगठन Nai के डेटा से पता चलता है कि अप्रैल से देश भर में 51 मीडिया आउटलेट बंद कर दिए गए हैं। ये आउटलेट हेलमंद, कंधार, बदख्शां, तखर, बगलान, समांगन, बल्ख, सर-ए-पुल, जजजान, फरयाब, नूरिस्तान और बडगी में चल रहे थे। पांच टीवी नेटवर्क और 44 रेडियो स्टेशन, एक मीडिया सेंटर और एक समाचार एजेंसी उन आउटलेट्स में शामिल हैं, जिन्होंने अपना संचालन बंद कर दिया। इस अवधि में, 150 महिलाओं सहित 1,000 से अधिक पत्रकारों और मीडियाकर्मियों की नौकरी चली गई।

पिछले दो महीने में दो पत्रकारों की जान जा चुकी है। 3 जून को काबुल में हुए विस्फोट में एरियाना न्यूज की न्यूज एंकर मीना खैरी की मौत हो गई थी. वहीं, कंधार में स्पिन बोल्डक जिले के रास्ते में तालिबान के हमले में रॉयटर्स के लिए काम करने वाले भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी(Indian journalist Danish Siddiqui dies) की मौत हो गई थी।

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