नई दिल्ली: शनि भगवान को कर्म का देवता माना जाता है। इनके पास हर व्यक्ति के अच्छे व बुरे कर्मों का चिट्ठा होता है। शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र हैं। अपने पिता की ही तरह शनिदेव में भी तेज सूर्य की ऊष्मा दिखाई देती है। आज हम आपको बताएंगे की शनि देव और लोहे के बीच आखिर क्या संबंध है। तो चलिए जानते हैं।
पढ़ें :- Guru Gochar 2024 : देव गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन बनाएगा मालामाल , शुभ समाचार मिल सकते हैं
धार्मिक कथा अनुसार जब भगवान हनुमान लंकामें तहस-महस कर रहे थे तो तभी उन्होने उस समय शनि देव को देखा और उन दोनो के बीच एक घमासान युद्ध हो उठा लेकिन भगवान शिव का अवतार होने के कारण शनि देव हनुमान के आगे टीक नहीं पाए और हनुमान जी ने शनि देव को शनिचरा मंदिर मुरैना में फेंका, और तब से इस स्थान पर लोहे के मात्रा प्रचुर हो गयी थी।
शनि देव का वार शनिवार बताया जाता है और इस दिन कई ऐसी चीजे होती हैं जिनका खरीदना अपशकुन माना जाता है। जिनमें सबसे अधिक लोहे का खरीदने को कहा जाता है। शनिवार के दिन लोहा खरीद कर लाना वर्जित है। कहा जाता है कि अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे शनि देव का प्रकोप सहना पडता है। घर में कलह व अशांति का माहौल बन जाता है लेकिन शनिवार को लोहे का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
आपको बता दे की शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए भी कई उपाय हैं जिनमे से सबसे प्रभावी उपाय है लोहा धारण करना। साढेसाती या ढैय्या के अशुभ प्रभावो से बचाव हेतु लोहा धारण करना बेहद शुभ माना जाता है। इस बात का खास ध्यान रखे की यह लौह मुद्रिका सामान्य लोहे की नहीं बनाई जाती, यह धोडे की नाल से बनती है जो उसके खुर के बचाव के लिए लगाई जाती है। इस लोहे से अंगूठी बनाई जाती है जो शनि के कुपित प्रभाव को शांत करती है।
पढ़ें :- Summers Protect Basil Plant : गर्मियों में तेज धूप से ऐसे बचाएं पवित्र तुलसी का पौधा , जानें क्या करना चाहिए
अगर आप पर कई वर्ष से शनि का प्रकोप बना हुआ है तो आपको बता दे की उस बचने के लिए आप सही समय या उत्तर समय जैसे शनिवार, पुष्य, रोहिणी, श्रवण नक्षत्र या अथवा चतुर्थी, नवमी, चतुर्दशी तिथि पर खरी और धारण कर सकते हैं, काले घोडे की नाल के प्रभावशाली उपाय और लाभ से कई शुभ कार्य सिद्ध होते हैं। नाव की कील भी इस कार्य के लिए उपयुक्त रहती है।
अगर आपके परिवार में कोई नास्तिक है और इन सब बातो पर विश्वास नहीं करता लेकिन उन पर शनि का प्रकोप बना हुआ है तो आप अंगूठी की जगह घर में घोडे की नाल घर में टांग सकते हैं। इस से ना तो आपके घर पर किसी भी प्रकार की बुराई का प्रकोप नहीं बनेगा और ना ही घर के किसी सदस्य को कार्य में कोई भी परेशानी होगी।
तो दोस्तो ये थी शनि देव और लोहे के पीछे छिपी हुई धार्मिक कहानी, तो अब आप इस बात का अवश्य ध्यान रखे की चाहे जो हो जाए लेकिन आपको शनिवार के दिन किसी भी प्रकार का लोहा जैसे की गाडी, बाईक, स्कूटी, बर्तन या किसी भी अन्य प्रकार का लोहा ना खरीदे लेकिन उसे दान जरूर करे।
पढ़ें :- Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन घर ले आएं ये चीजें, मां लक्ष्मी बरसाएंगी कृपा