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इन बातों को पढ़कर आप नॉन-वेज खाना छोड़ देंगे, जाने विज्ञान और धर्मशास्त्रों की नज़र में इसके नुक्सान

By आराधना शर्मा 
Updated Date

Health News: एक तरफ जहां कई लोग अपनी बेहतर सेहत के लिए मांसाहार से दूर होते जा रहे हैं. नॉन-वेज का नाम सुनते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है. ये सारी चीजें भले ही खाने में आपको स्वादिष्ट लगती हैं लेकिन नॉन-वेज खाना न तो सेहत के नज़रिए से फायदेमंद है और न हमारी संस्कृति इसकी इज़ाजत देती है. हम आपको धर्मशास्त्रों के अनुसार बताते हैं कि इंसानों को नॉन-वेज खाना क्यों नहीं खाना चाहिए.

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धर्मशास्त्रों की नज़र में नॉन-वेज खाना

हिंदू धर्मशास्त्र

हिंदू धर्मशास्त्रों के मुताबिक इस धरती पर रहनेवाले सभी जीवों को भगवान का अंश माना जाता हैं. इनमें से किसी भी जीव की हत्या करना शास्त्रों के मुताबिक पाप है. मांसाहार भोजन के लिए रोज़ाना न जाने कितने ही बेज़ुबान जानवरों की बलि चढ़ाई जाती है. जबकि हमारी संस्कृति में मांसाहार के सेवन को वर्जित माना गया है.

श्रीमद् भगवत गीता

श्रीमद् भगवत गीता के मुताबिक कहा जाता है कि नॉन-वेज खाना इंसानों का खाना नहीं बल्कि राक्षसी भोजन है. मांस और मदिरा जैसी चीजें तामसिक भोजन कहलाती हैं. इस तरह का भोजन करनेवाले लोग अक्सर कुकर्मी, रोगी, दुखी और आलसी होते है.

सनातन संस्कृति

सनातन संस्कृति में गौमांस को खाना पाप माना गया है. शास्त्रों के अनुसार गाय का दूध, घी, गोबर और गोमूत्र अनेक रोगों की एक दवा है.

शास्त्रों में लिखा है कि गाय से मिलनेवाली इन चीजों को खाने से शरीर में पापों का समावेश नहीं हो पाता. श्री कृष्ण अनेकों गायों का पालन-पोषण करते थे तथा उन्हें मां समान पूजते थे. तभी तो उनको गोपाल कहा जाता है.

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ऋग्वेद

ऋग्वेद में गाय को जगत माता का दर्जा दिया गया है. अनेकों पुराणों के रचियता वेद व्यास जी के मुताबिक गाय धरती की माता हैं और उनकी रक्षा में ही समाज की उन्नति है.

महाभारत

महाभारत में उल्लेख मिलता है कि जो व्यक्ति सौ सालों तक लगातार अश्वमेघ यज्ञ करता है और जो व्यक्ति मांस नहीं खाता, उनमें से मांसाहार का त्याग करनेवाला व्यक्ति ही ज्यादा पुण्य कमाने वाला माना जाता है.

अब हम आपको विज्ञान के अनुसार बताते हैं कि इंसानों को नॉन-वेज खाना क्यों नहीं खाना चाहिए.

विज्ञान की नज़र में मांसाहार

बहरहाल हमारे कई धर्म ग्रंथों में यही उल्लेख मिलता है कि मांसाहार नहीं करना चाहिए. अगर आप खुद को तन और मन से तंदरुस्त रखना चाहते हैं तो शाकाहार सबसे बेहतर ज़रिया बन सकता है.

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