लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के निर्णय पर हुए बवाल के कारण सियासत गर्म हो गई है। विपक्षी नेता इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं। अब इस मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान आया है। उन्होंने कहा, सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे।
पढ़ें :- महाकुंभ-2025 की तैयारियों पर अखिलेश यादव ने उठाया सवाल, कहा-भाजपावाले तो कहीं खाने-कमाने या चुनाव के जोड़-जुगाड़ में लगे होंगे
केशव मौर्य ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, भाजपा सरकार ने 2017 से भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाकर निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया की मिसाल पेश की है। लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर सरकार ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया है।
इसके साथ ही आगे लिखा, सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे। न्यायालय में लंबित मामलों का भी शीघ्र समाधान निकाला जाए ताकि किसी छात्र का भविष्य अंधकार में न रहे।