लखनऊ। हवाई चप्पल वाले करेंगे हवाई जहाज से सफर…ये बातें कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहीं थीं। उन्होंने लोगों को बड़ी राहत देने के लिए ये बातें कहीं थीं लेकिन इसके उल्ट अमौसी एयरपोर्ट पर दिव्यांगों, वृद्धजनों और अशक्तों से व्हीलचेयर के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है। ये रकम कोई 100 या फिर 500 नहीं बल्कि एक लोगों से 3350 रुपये वसूले जा रहे हैं। दिव्यांगों, वृद्धजनों और अशक्तों को राहत देने के वजाए एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर की सुविधा देने वाली ‘प्रणाम’ एजेंसी लोगों से वसूली करने में जुटी है।
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बताया जा रहा है कि, एयरपोर्ट पर रोजना करीब 18 से 20 हजार लोग यात्रा करते हैं। इसमें करीब एक हजार ऐसे लोग हैं, जिन्हें व्हीलचेयर की जरूरत पड़ती है। अगर एक लोगों से 3350 रुपये लिए जाते हैं तो एक हजार लोगों से एक दिन में करीब 33,50, 000 रुपये वसूले जा रहे हैं। वहीं, एक महीने और पूरे साल की बात करें तो ये रकम करोड़ों में पहुंच जाती है। दरअसल, लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट को अडानी की कंपनी के हवाले कर दिया गया है, जिसके बाद से सुविधाओं के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है। गाड़ियों की पार्किंग से लेकर हर जरूरी सुविधा पर मोटी रकम वसूलने का खेल जारी है।
दरअसल, एयरपोर्ट पर हो रही वसूली का ये खेल ‘हिंदुस्तान’ न्यूज पेपर में छपी एक खबर से हुआ। इसमें बताया गया कि, नौ जून को माल एवेन्यू में रहने वाले विजय अचार्य अपनी साली आशा पराशर को छोड़ने एयरपोर्ट पहुंचे। सीनियर सीटिजन होने के दिल्ली निवासी आशा पराशर चलने फिरने में अस्मर्थ हैं। लिहाजा, एयरपोर्ट पर व्हीलचेयर की सुविधा देने वाली निजी एजेंसी ‘प्रणाम’ से उन्होंने संपर्क किया, जहां उन्हें कर्मचारियों ने बताया कि, व्हीलचेयर के लिए शुक्ल देना पड़ेगा। इस पर उनको कंपनी ने एक रसीद काटकर दी और व्हील चेयर के लिए 3350 रुपये वसूले गए।
सुविधाओं के नाम पर हो रही वसूली
सूत्र बतातें हैं कि, अमौसी एयरपोर्ट पर आम लागों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर जमकर वसूली होती है। व्हीलचेयर का मामला मीडिया में आने के बाद लोगों को इसकी जानकारी हुई लेकिन कई ऐसी जरूरत की चीजें हैं जिसपर खूब रुपये वसूले जाते हैं।