नई दिल्ली। अमेजन (Amazon) के लगभग 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों ने CEO एंडी जेसी को खत लिखकर AI की तेज रफ्तार वाली नीति पर गंभीर चिंता जताई है। कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी जिस तेजी से AI लागू कर रही है, उससे लोकतंत्र, नौकरियों और पर्यावरण पर गहरा असर पड़ सकता है।
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इस खुले खत पर 1,039 कर्मचारियों ने हस्ताक्षर किए हैं। इसमें अमेजन के इंजीनियरों, प्रोडक्ट मैनेजरों और वेयरहाउस स्टाफ के साथ-साथ माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, मेटा, एपल, उबर और सेल्सफोर्स जैसी अन्य कंपनियों से जुड़े लोग भी शामिल हैं।
AI विस्तार और पर्यावरण पर सवाल
खत में आरोप लगाया गया है कि अमेजन AI-फर्स्ट कंपनी (Amazon AI-First Company) बनने की दौड़ में अपनी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पीछे छोड़ रहा है। कंपनी ने 2040 तक नेट-जीरो उत्सर्जन (Net-Zero Emissions) का लक्ष्य तय किया था, लेकिन कर्मचारियों के अनुसार 2019 से अब तक उसका कार्बन उत्सर्जन लगभग 35% बढ़ गया है। वे मानते हैं कि AI की तेज रफ्तार यह खाई और चौड़ी कर रही है। अमेजन ने AI डेटा सेंटर्स के लिए 150 अरब डॉलर निवेश की योजना भी बनाई है, जिससे कर्मचारियों को लगता है कि कंपनी मानव संसाधन (Company Human Resources) की तुलना में मशीनों में ज्यादा दिलचस्पी ले रही है।
AI के जबरन इस्तेमाल का आरोप
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खत में लिखा है कि कर्मचारियों पर कई परियोजनाओं में AI टूल्स का अनिवार्य उपयोग थोप दिया गया है। इससे काम के समय में कटौती तो हुई है, लेकिन करियर विकास और स्किल अपग्रेडेशन (Skills Upgrades) में निवेश नहीं बढ़ाया गया। कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि अमेजन के AI प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हिंसा, निगरानी या डिपोर्टेशन जैसे संवेदनशील कार्यों में न किया जाए।
कर्मचारियों ने रखी तीन प्रमुख मांगें
इस खुले खत में कर्मचारियों ने अमेजन (Amazon) से तीन प्रमुख कदम उठाने की अपील की है, जिनमें सभी डेटा सेंटर्स (Data Centers) को चलाने के लिए स्थानीय, साफ ऊर्जा का इस्तेमाल, तेल और गैस कंपनियों के लिए ऐसे AI समाधान बंद करना जो उत्पादन तेज करें और जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्पष्ट और वैज्ञानिक रोडमैप जारी करना शामिल है। खत के अंत में कर्मचारियों ने कहा कि AI का भविष्य तभी बेहतर होगा, जब यह इंसानों को अधिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और रचनात्मकता दे, न कि उन्हें पीछे छोड़ दे।