नई दिल्ली। एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य होने पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस दौरान कहा कि, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD Board) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है, टीटीडी के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए, हम इसके खिलाफ नहीं हैं।
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उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है। आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं? टीटीडी हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म का है। समानता होनी चाहिए, जब टीटीडी के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते, तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा, कि हम अपने बल पर चुनाव लड़ रहे हैं, एआईएमआईएम (AIMIM) का मानना है कि जब मुसलमानों को उनकी आबादी के बराबर अधिकार मिलेंगे, तो भारतीय राजनीति मजबूत होगी। आज भारतीय संसद में केवल 4 फीसदी मुस्लिम सांसद हैं। उन्होंने आगे कहा कि, हमारा पूरा प्रयास है कि शिंदे, फडणवीस, अजित पवार की सरकार दोबारा न बने।
फारूक अब्दुल्ला के बयान का किया समर्थन
जबकि बड़गाम आतंकी हमले पर जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी एलजी की है और अगर वहां आतंकी हमले हो रहे हैं तो बीजेपी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मैं कह रहा हूं कि पाकिस्तान से आतंकी आ रहे हैं, आप उन्हें क्यों नहीं रोक रहे हैं? मोदी सरकार क्या कर रही है? उन्हें रोकना, उन्हें गिरफ्तार करना सरकार की जिम्मेदारी है, यह नरेंद्र मोदी सरकार की विफलता है कि वे आतंकियों को नहीं रोक पा रहे हैं।