Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. मध्य प्रदेश
  3. अवधेशानंद गिरी बोले- अगर शंकराचार्य न होते तो शायद हम हिंदू भी न होते

अवधेशानंद गिरी बोले- अगर शंकराचार्य न होते तो शायद हम हिंदू भी न होते

By Shital Kumar 
Updated Date

भोपाल । प्रदेश सरकार द्वारा ओंकारेश्वर में आयोजित पांच दिवसीय “एकात्मक पर्व” का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि, आदिगुरु शंकराचार्य ने जिस एकात्मता की कल्पना की थी, वह अब सरकार की कार्यशैली का हिस्सा बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने चार मठों की स्थापना कर हिंदू धर्म को न केवल जागृत किया, बल्कि पूरे भारतवर्ष और विश्व में उसकी पहचान को सशक्त बनाया। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि एकात्मधाम पर हर वर्ष विशेष आयोजन किया जाएगा और 1 दिसंबर को गीता जयंती को भी राज्य स्तर पर पर्व के रूप में मनाया जाएगा।

पढ़ें :- कफ सिरप में पूरा माफिया तंत्र हावी है मुख्यमंत्री योगी की पूरी कैबिनेट हावी है, जहरीला सिरप पीला कर लोगों की हत्या की गयी

समापन समारोह में महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज ने कहा, “अगर शंकराचार्य न होते, तो शायद हम हिंदू भी न होते। वे समग्रता के प्रतीक थे, भक्त, उपासक, वेदांती और एकात्मता के मूर्तरूप।” उन्होंने एकात्मधाम को भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का केंद्र बताया और कहा कि विश्व को जोड़ने की शक्ति अगर किसी में है, तो वह आदिगुरु के विचारों में है।  महामंडलेश्वर ने आगे कहा- गाय के बिना गति नहीं और गीता के बिना मति नहीं। सरकार गीता के संदेश को गांव-गांव तक पहुंचाए। कार्यक्रम में आचार्य शंकर संस्कृति न्यास द्वारा विकसित किए जा रहे एकात्मधाम की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया। तिरुपति से पधारे कुटुंब शास्त्री ने जानकारी दी कि यह आयोजन आदिगुरु शंकराचार्य की 2,534वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया। उन्होंने कहा, शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन को भारत भर में फैलाने के लिए राज्य सरकार प्रेरणादायक कार्य कर रही है।

Advertisement