इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा भाषण दिये जिसके बाद उन्हे भारी विरोधों का सामना करना पड़ रहा है। गाजा पर जारी हमलों को “अंत तक ले जाने” की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि इजरायल को हमास के खिलाफ “काम पूरा करना ही होगा।दरअसल नेतन्याहू के भाषण के दौरान सभागार में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं- कुछ प्रतिनिधियों ने तालियां बजाई तो कई को बात अच्छी नहीं लगी और वो बाहर चले गए। भाषण शुरू होने से पहले ही कई से अधिक देशों के सैकड़ों राजनयिकों ने सभागार को खाली कर दिया। इसके बाद नेतन्याहू को लगभग खाली हॉल में बोलना पड़ा। यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच वैश्विक अलगाव को उजागर करती है, जहां पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने का निर्णय नेतन्याहू के लिए नया झटका साबित हुआ।
पढ़ें :- युद्धविराम के बाद भी हमास इज़रायल को शव देने में भी कर रहा है धोखाधड़ी
महासभा में विरोध और खाली कुर्सियां
अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आवंटित सीटों पर वरिष्ठ राजदूतों या अधिकारियों के बजाय निम्न-स्तरीय कूटनीतिज्ञ मौजूद थे। जहां कई सीटें खाली थी। वहीं खाली कुर्सियों के बीच उन बच्चों की तस्वीर राखी हुई थी जिनके बारे में तेहरान ने दावा किया कि वे जून में इजरायल के युद्ध के दौरान मारे गए थे। हॉल में अस्पष्ट नारे गूंज रहे थे, जबकि गैलरी में मौजूद समर्थकों से तालियां भी मिलीं। कुछ प्रतिनिधियों ने फिलिस्तीनी केफिया (सिर पर बांधा जाने वाला पारंपरिक कपड़ा) पहन रखा था।
बंधकों को संदेश
अपने स्पीच में इज़राइल ने दावा किया कि उनका भाषण गाजा में लगे लाउडस्पीकर्स के जरिए और “अभूतपूर्व अभियान” के तहत लोगों के मोबाइल फोन पर भी प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमने आपको एक सेकंड के लिए भी नहीं भुलाया। इजरायल की जनता आपके साथ है।” हमास को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी, “अपने हथियार डाल दो। मेरे लोगों को जाने दो। अगर ऐसा करोगे तो बचोगे, वरना इजरायल तुम्हें ढूंढ-ढूंढकर मारेगा।”
पढ़ें :- शहबाज शरीफ बोले- अगर ट्रंप हस्तक्षेप न करते तो भारत-पाकिस्तान युद्ध में कोई भी जीवित नहीं बचता
पश्चिमी देशों और फिलिस्तीनी मान्यता पर निशाना
नेतन्याहू ने पश्चिमी देशों की निंदा करते हुए कहा कि कुछ “पश्चिमी नेता दबाव में झुक गए हैं,” लेकिन इजरायल झुकेगा नहीं। उन्होंने उन देशों के फैसले को “शर्मनाक” बताया जिन्होंने फिलिस्तीन को देश का दर्जा दिया है। उनके अनुसार, यह निर्णय “आतंकवाद को बढ़ावा देगा और निर्दोषों के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करेगा।”
“दूसरे देशों की लड़ाई भी लड़ रहा है इजरायल”
बता दें सिर्फ इतना ही नहीं इज़राइल के पीएम अपने भाषण में बोले कि इजरायल सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि कट्टरपंथी इस्लाम के खिलाफ पूरी दुनिया की ओर से लड़ रहा है। उन्होंने कहा, “आप सबके दिल की गहराइयों में यह सच है कि इजरायल आपकी लड़ाई लड़ रहा है।”