नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। भारत सरकार के ताजा आंकड़े के अनुसार वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की कमी आ गई है। वहीं पिछले साल(2019-20) में यह 4 फीसदी रही थी। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी 1.6 फीसदी बढ़ी है। इससे यह संकेत मिलता है कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले देश की अर्थव्यवस्था रिकवरी के रास्ते पर थी।
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GDP contracts 7.3 pc in 2020-21 as against 4 pc growth in 2019-20: Govt data
— Press Trust of India (@PTI_News) May 31, 2021
पिछले वित्त वर्ष में ग्रॉस वैल्यू एडेड(GVA) में 6.2 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। GVA अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर के बारे में जानने का अपेक्षाकृत अच्छा जरिया है। इस साल फरवरी में जारी अग्रिम अनुमान में पिछले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर में 8 फीसदी गिरावट आने का अनुमान जताया गया था। इस तरह वास्तविक आंकड़े अनुमान के मुकाबले बेहतर हैं।
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पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ 14 फीसदी रही। यूटिलिटी सेक्टर की ग्रोत 9.1 फीसदी रही। यूटिलिटी में गैस, बिजली, वाटर सप्लाई आती है। दूसरी तरफ सर्विसेज में 2.3 फीसदी की गिरावट आई। सर्विसेज में होटल, ट्रेड और ट्रांसपोर्ट जैसी चीजें आती हैं। हालांकि, कंस्ट्रक्शन और यूटिलिटी क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से पिछले वित्त वर्ष जीडीपी में अनुमान से कम गिरावट आई।
पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था ग्रोथ के रास्ते पर लौट आई थी। दिसंबर तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 0.5 फीसदी थी। इससे पहले पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में करीब 24 फीसदी और दूसरी तिममाही में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी।