Brihaspati Grah Uday : ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ‘गुरु’ कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी हैं और कर्क इनकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। जब गुरु अस्त हो जाए तो मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाते हैं। कुंडली में अगर गुरु शुभ स्थिति में होते हैं तो भाग्य हमेशा साथ् देता है।
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बृहस्पति ग्रह फाल्गुन कृष्ण सप्तमी बुधवार 23 फरवरी 2022 को सायं 7 बजे पश्चिम में अस्त हुए थे। 29 दिन अस्त रहने के बाद चैत्र कृष्ण षष्ठी बुधवार 23 मार्च 2022 को प्रात: 6.41 बजे पूर्व दिशा में गुरु का उदय हो जाएगा। गुरु अस्त रहने की अवधि में विवाह, मुंडन, नूतन गृह प्रवेश जैसे समस्त मांगलिक कार्यो पर प्रतिबंध लग जाता है। इसके बाद 15 अप्रैल के बाद ही शुभ कार्यों की दोबारा शुरुआत होगी।
सूर्य के देवगुरु बृहस्पति के करीब आने से गुरु बृहस्पति भी अस्त हो गए है। गुरु को शास्त्रों में शुभ कार्यों के प्रतीक माना गया है, इसलिए उनके अस्त होते ही शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है।देवगुरु बृहस्पति को धनु व मीन राशि का स्वामी ग्रह माना जाता है। ऐसे में जब तक देवगुरु बृहस्पति अस्त रहेंग तो इन राशियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।