नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में मंगलवार को गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने राजकोट के एक गेम जोन में आग लगने से 31 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस गेम जोन में फायर सेफ्टी, आने-जाने के अलग रास्ते, आवासीय क्षेत्र से दूरी जैसे किसी भी सुरक्षा नियम का पालन नहीं किया गया था।
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राजकोट में भयावह हादसा होने के बाद भी सरकार गंभीर नहीं, छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर क्या साबित करना चाहती है सरकार ?
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि राजकोट में इतना भयावह हादसा होने के बाद भी सरकार गंभीर नहीं है। लोगों के जान-माल के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती है, लेकिन आज सरकार ही इसके साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा कि जब खुद बड़े-बड़े अधिकारियों का ही इस गेम जोन में आना-जाना हो, तो फिर छोटे अधिकारियों को सस्पेंड कर सरकार क्या साबित करना चाहती है?
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सूरत में एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट में 22 बच्चों की जान चली गई, आज तक न्याय नहीं मिला
उन्होंने कहा कि गुजरात के राजकोट में हुआ हादसा, पहला हादसा नहीं है। सूरत में एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट में 22 बच्चों की जान चली गई थी। उन्होंने कहा कि सूरत में पीड़ित परिवारों ने कहा हमें आजतक न्याय नहीं मिला, लेकिन राजकोट के बच्चों को न्याय मिलना चाहिए। इसी तरह, वडोदरा में नाव डूबने से 14 बच्चों की जान चली गई। उस मामले में भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।
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ब्लैकलिस्ट कंपनी ने BJP को चंदा दिया, उसे ये ब्रिज बनाने का मिल गया काम
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि बनासकांठा में ब्रिज गिरने से कई लोगों की जान चली गई। जो कंपनी ये ब्रिज बना रही थी, उसे पहले भी ब्लैकलिस्ट किया गया था, लेकिन जैसे ही उसने BJP को चंदा दिया, उसे ये ब्रिज बनाने का काम मिल गया। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार में अच्छे और ईमानदार अफसरों को अलगकर, सरकार की जी-हुजूरी करने वालें अफसरों को जगह दी गई है। हालात ये हैं कि गुजरात में अच्छे अफसरों को साइडलाइन कर उनका करियर खत्म किया जा रहा है। नतीजा- राजकोट में हुए हादसे की तरह लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।