लखनऊ। राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश में छठ महापर्व पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। सोमवार शाम को व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन किया। लखनऊ में छठ पर्व के लिए खास तैयारियां की गई हैं। लक्ष्मण मेला मैदान में गोमती नदी के तट को सजाया गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महापौर सुषमा खर्कवाल लक्ष्मण मेला मैदान पहुंचे और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उन्हें प्रणाम किया।
पढ़ें :- बेटियों की पढ़ाई का खर्च उठा रही है योगी सरकार,कन्या सुमंगला योजना ने बदली लाखों परिवारों की किस्मत, जानें योजना कैसे उठाएं लाभ?
भोजपुरी समाज आज देश और दुनिया के हर कोने में छठ पर्व की आस्था से जुड़ा है।
यह पर्व आत्मशुद्धि और लोक-कल्याण का प्रतीक होने के साथ ही सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश भी देता है।
लोक आस्था और सूर्योपासना के पावन पर्व छठ के अवसर पर आज लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम… pic.twitter.com/QRyp8Fr0Mo
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 27, 2025
पढ़ें :- जी राम जी के फायदे बताने के लिए गांव-गांव लगेगी चौपाल, विकसित भारत की संकल्पना साकार करने के सीएम योगी ने दिए निर्देश
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी को छठ पर्व की शुभकामनाएं दी। वहीं, गोमती तट पर सीएम को देखकर वहां मौजूद लोगों ने भी जय श्रीराम के नारे लगाए। सीएम योगी ने कहा कि भोजपुरी समाज आज देश और दुनिया के हर कोने में छठ पर्व की आस्था से जुड़ा है। यह पर्व आत्मशुद्धि और लोक-कल्याण का प्रतीक होने के साथ ही सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता का सशक्त संदेश भी देता है। लोक आस्था और सूर्योपासना के पावन पर्व छठ के अवसर पर आज लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सहभाग किया। छठी मइया के कृपा सब लोगन पर बनल रहे। जय छठी मइया!
छठ महापर्व के अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/0VTbS3Z6NX
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 27, 2025
पढ़ें :- राज्यसभा सीट पर पिता जीतनराम मांझी को ही नसीहत दे गए बेटे संतोष सुमन, जानिए क्या कहा
छठ महापर्व के अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पर्व और त्योहार केवल एक आयोजन नहीं है।ये हमारी सामाजिक एकता, आध्यात्मिक उन्नयन, भारत की प्राचीन विरासत के प्रतीक भी है।जल के स्रोत को बाधित न करना। उन्होंने कहा कि अगर हम इसका पालन करते हैं तो यह भी ईश्वर की सेवा है।