लखनऊ। जल जीवन मिशन में घोर लापरवाही करने वाले अफसरों और कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लापरवाही के मामले में 183 अफसरों पर कार्रवाई की है। इसमें 6 को निलंबित किया गया है। हालांकि, विभाग के प्रमुख सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो लंबे समय से जल जीवन मिशन के प्रमुख सचिव बने हुए हैं। इनकी कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठे हैं।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को जल जीवन मिशन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने एक्शन लेते हुए 183 अफसर और कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि, इनके खिलाफ लंबे समय से शिकायत हो रही थी, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई है। वहीं, विभाग में बैठे कई अन्य भ्रष्टाचारियों पर भी जल्द कार्रवाई हो सकती है।
इन पर हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जल जीवन मिशन में जिन 183 अफसरों पर कार्रवाई की है, इसमें सबसे ज्यादा अधिशासी अभियंता हैं। अभी तक कुल 7 मुख्य अभियंताओं पर अनुशासनिक जांच बैठाई गई, जबकि 4 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा 5 अधीक्षण अभियंताओं पर जांच और 7 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। 59 अधिशासी अभियंताओं पर जांच बैठाई गई है, तो 44 को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर 4 को निलंबित किया गया है।
इसके साथ ही 32 सहायक अभियंताओं पर जांच बैठाकर 02 का निलंबन किया गया है। वहीं, 19 अवर अभियंताओं की अनुशासनिक जांच की गई है। इस तरह लापरवाही बरतने वाले कुल 122 अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक जांच, 55 को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई और 06 का निलंबन किया गया है।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
जल जीवन मिशन में हो रहे भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि, योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि हर घर तक समय पर और गुणवत्ता युक्त शुद्ध पेयजल पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है, और इसके लिए पारदर्शी व कड़ी कार्यवाही जारी रहेगी। उत्तर प्रदेश जल जीवन मिशन के तहत सबसे अधिक नल कनेक्शन देने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
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