लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने शनिवार को ऊर्जा विभाग (Energy Department) की महत्वपूर्ण बैठक ली। इस दौरान उन्होंने प्रजेंटेशन का अवलोकन करते हुए कहा कि बिजली का बिल समय से जमा कराने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाना अत्यंत जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि जिस तरह लोग मोबाइल का बिल नियत समय पर जमा करते हैं। उसी प्रकार बिजली का बिल भी तय समय पर जमा कराने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। इसके लिए विभाग एक सुदृढ़ मैकेनिज्म तैयार करें। सीएम योगी (CM Yogi) ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर (Smart Meter) लगाने पर विशेष जोर दिया। कहा कि जनता को इसके लिए तैयार किया जाए। स्मार्ट मीटर आज की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिजली का बिल सही समय पर और बिना गड़बड़ी के हर उपभोक्ता के घरों तक पहुंचना चाहिए। मीटर रीडर को इसके लिए जवाबदेह बनाना बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं को ओटीएस (OTS) के बारे में जागरूक करें। ताकि बकाया बिजली के बिल को जमा करने में मिलने वाली सहूलियत के बारे में उसे अच्छी तरह से पता हो। बिजली के बिल के नाम पर उपभोक्ताओं को किसी भी सूरत में परेशान न किया जाए।
उन्होंने कहा कि हमने अपने पहले पांच साल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में लगाया है, अब हमें अपना पूरा जोर क्वालिटी मेंटेन करने पर देना होगा। मेंटेंनेंस के कारण अगर बिजली कटौती की जाती है तो कब और कितनी देर तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी, इसकी पूर्व सूचना उपभोक्ताओं को देना जरूरी है। इसके लिए सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट मीटर की कवायद को तेजी से आगे बढ़ाया जाए। ईज ऑफ लिविंग के लिए यह बहुत जरूरी है, जिससे सच्चे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में बिजली सप्लाई के घंटों में बढ़ोतरी हुई है।
भीषण गर्मी के बावजूद और केवल लोकल फॉल्ट को छोड़ दें तो बीते 15 मार्च से सरकार 24 घंटे बिजली सप्लाई देने में सफल रहे हैं। प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है। अधिकारियों के अनुसार प्रदेश में 3.45 करोड़ बिजली कनेक्शन हैं। वहीं दो साल में 30 लाख कनेक्शन बढ़े हैं। बताया कि 2024 में अब तक 70 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा कंज्यूमर टर्नअप शहरी इलाकों में करीब 92 प्रतिशत तो ग्रामीण इलाकों में 51 प्रतिशत है।
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मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में बिजली बिल का 40 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन, 32 प्रतिशत काउंटर से और 28 प्रतिशत विभिन्न ई-वॉलेट के माध्यम से प्राप्त हो रहा है। ऑनलाइन सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए लोड बढ़ाने से लेकर नाम, पता बदलने तक की सुविधा ऐप के माध्यम से दी जा रही है। साथ ही बिजली का बिल जमा करने के लिए प्रतिमाह औसतन 7 एसएमएस भी भेजे जाते हैं।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि अक्टूबर-नवंबर 2023 में मेंटेनेंस माह मनाया गया, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। बताया कि प्रदेश में अप्रैल, मई और जून में बिजली की एवरेज मांग में बढ़ोतरी हुई है। गर्मी के मौसम में सामान्य दिनों 27 से 28 हजार मेगावाट की डिमांड होती है, जबकि इन दिनों पड़ी भीषण गर्मी में मांग 33 से 35 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है. बरसात के बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में 5255 मेगावाट की 10 यूनिट्स को लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है। इसके अलावा 5120 मेगावाट की तीन बड़ी परियोजनाएं ओबरा डी, अनपरा ई और मेजा द्वितीय पर भी काम जारी है। प्रदेश में बिजली के ट्रांसमिशन लॉस को न्यूनतम स्थिति में पहुंचाते हुए 3 प्रतिशत पर लाने का कार्य हुआ है।
मुख्यमंत्री को अफसरों ने बताया कि प्रदेश में नोएडा, वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ में विभाग की कई बड़ी परियोजनाएं शुरू होने जा रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री सूर्यघर परियोजना के प्रथम चरण में देश में 1 करोड़ जबकि यूपी में 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगने हैं। इसके लिए अबतक 16 लाख 97 हजार रजिस्ट्रेशन का कार्य पूरा हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम सूर्य घर योजना को तेज गति से अमल में लाया जाए।