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देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को मिला सेवाविस्तार, अब 30 जून 2022 तक होगा कार्यकाल

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को सेवाविस्तार दिया है। अब अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल 30 जून तक अपनी सेवाएं देंगे। समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का तीन साल का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हो रहा था, जिसे अब सरकार ने आगे बढ़ा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, नियुक्ति मामलों की कैबिनेट समिति ने सोमवार को इसकी मंजूरी दी।

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केंद्र सरकार ने इसके साथ ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कार्यकाल भी 3 साल और बढ़ा दिया है, जो एक जुलाई से प्रभावी होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का कार्यकाल भी तीन साल के लिए बढ़ाया गया है। इनमें विक्रमजीत बनर्जी, अमन लेखी, माधवी गोदारिया दीवान, केएम नटराज और संजय जैन शामिल हैं। हाईकोर्टों के लिए भी दो अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल का कार्यकाल भी तीन साल बढ़ा है। अनिल सी सिंह की बांबे हाईकोर्ट और पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के लिए सत्यपाल जैन शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के लिए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के तौर पर छह वरिष्ठ अधिवक्ताओं की तीन साल के लिए नियुक्ति की घोषणा की गई है।

जून 2017 में हुई थी नियुक्ति

89 वर्षीय भारत के अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को जून 2017 में नियुक्त किया गया था, जब पूर्व एजी मुकुल रोहतगी ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरा कार्यकाल में भी केक वेणुगोपाल इस पद पर बने रहे। केके वेणुगोपाल कई सरकारी संस्थाओं से जुड़े रहे हैं और एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में उनका प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में उच्चतम न्यायालय के समक्ष सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए थे।

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