नई दिल्ली। तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) ने ओल्ड राजेंद्र नगर में राव कोचिंग सेंटर (Rao Coaching Center in Old Rajendra Nagar) के बेसमेंट में पानी भरने से हुई तीन छात्रों की मौत के मामले में थार एसयूवी चालक की जमानत याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रखा लिया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट विनोद कुमार (Judicial Magistrate Vinod Kumar) ने कार चालक मनुज कथूरिया (Car Driver Manuj Kathuria) की जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रखा।
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कथूरिया की ओर से पेश अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल को तत्काल जमानत पर रिहा करने की मांग की। अधिवक्ता ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को नहीं पता था कि क्या होने वाला है? उसका छात्रों की मौत का कारण बनने का कोई इरादा नहीं था।
थार मालिक कैसे दोषी?
अधिवक्ता ने तर्क दिया कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) उन लोगों को गिरफ्तार करने में लगी है, जिनका इस हादसे से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने दलील दी कि आखिर इस घटना के लिए उनके मुवक्किल को कैसे दोषी ठहराया जा सकता है?
दिल्ली पुलिस की दलील
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वहीं, दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक (SPP) अतुल श्रीवास्तव ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि कथूरिया प्रशासनिक स्तर पर हुई लापरवाही का दोषी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने घटना को और गंभीर बना दिया।
थार चालक मौज-मस्ती प्रवृत्ति का
एसपीपी (SPP) ने अदालत में कथूरिया के इंटरनेट मीडिया अकाउंट से लिए गए कुछ वीडियो चलाए, जिनमें वह उसी एसयूवी को चलाते हुए दिखाई दे रहे थे। एसपीपी (SPP) ने कहा कि मुझे इस शब्द का इस्तेमाल करने के लिए खेद है। उन्होंने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि आरोपी मस्तीखोर प्रवृत्ति का है और मौज-मस्ती में उसने यह घटना कर दी। उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच अभी शुरुआती चरण में है और अगर आरोपित को जमानत पर छोड़ दिया जाता है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
थार की वजह से बेसमेंट में भरा पानी
कथूरिया पर आरोप है कि उन्होंने अपनी फोर्स गोरखा कार को कोचिंग सेंटर (Coaching Center) के सामने वाली सड़क पर चलाया, जहां बारिश का पानी भरा हुआ था। जिससे सड़क पर भरा पानी इतनी तेजी से कोचिंग सेंटर (Coaching Center) में घुसा कि वहां की इमारत का गेट टूट गया और बेसमेंट में पानी भर गया।