Devshayani ekadashi 2025 : सनातन धर्म में भगवान विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए भक्त जप, तप और उपवास का पालन करके उनकों प्रसन्न् करते है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि श्री विष्णु की कृपा मिलने पर भक्तगण धन धान्य से संपन्न हो जाते है और मोक्ष की प्राप्ति करते है। साल में कुल 24 एकादशी का व्रत रखा जाता है जिसमें से देवशयनी एकादशी सबसे महत्वपूर्ण होती है। आइये जानते है देवशयनी एकादशी की तारीख और महात्म।
पढ़ें :- 2026 MG Hector facelift : 2026 एमजी हेक्टर फेसलिफ्ट 11.99 लाख रुपये में लॉन्च, जानें नए फीचर्स और डिलीवरी
इस साल देवशयनी एकादशी तिथि की शुरूआत 5 जुलाई 2025 की शाम 6 बजकर 58 मिनट पर होगी और 6 जुलाई की रात 9 बजकर 14 मिनट पर समाप्त। उदयातिथि के अनुसार 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी मनाई जाएगी।
मान्यता है कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान श्री विष्णु चार माह के योग निद्रा में चले जाते हैं। इसे चातुर्मास भी कहा जाता है। जैन धर्म में चातुर्मास का विशेष महत्व होता है। इस बीच धरती के पालन का काम महादेव संभालते हैं। चातुर्मास (Chaturmas 2024) के दौरान किसी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। जब देवउठनी एकादशी के दिन भगवान जागते हैं, तब शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाते है।
पूजा पर करें ध्यान केंद्रित
देवशयनी एकादशी के दिन भक्त पूरे दिन उपवास रखते है और भगवान विष्णु का ध्यान करते हैं। वे पूरे दिन उपवास रखने का संकल्प लेते हैं, भोजन से परहेज करते हैं और प्रार्थना और पूजा पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और पूर्णता आती है।