Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. डायस्टैसिस रेक्टी: महिलाएं न करें नजरअंदाज, जानिए इसके बारे में सबकुछ

डायस्टैसिस रेक्टी: महिलाएं न करें नजरअंदाज, जानिए इसके बारे में सबकुछ

By Manali Rastogi 
Updated Date

नई दिल्ली: हर महिला के लिए मां बनना एक मधुर और बेहद प्यारा अनुभव होता है। इस एहसास के आगे महिलाओं की छोटी से बड़ी परेशानियां गायब हो जाती हैं। मगर प्रेग्नेंसी के दौरान या इसके बाद होने वाली बीमारियों को नजरंदाज करना महिलाओं के लिए एक चिंता का विषय है। दरअसल, ज्यादातर महिलाएं मां के बाद अपना ख्याल नहीं रखती हैं। ऐसे में इन बीमारियों को हल्के में लेना काफी घातक साबित हो सकता है। डायस्टैसिस रेक्टी एक ऐसी ही बीमारी है, जोकि हाल ही मां बनी महिलाओं में होना आम है।

पढ़ें :- Summer Health Tips For Students : गर्मियों में छात्र स्वास्थ्य पर दें विशेष ध्यान ,ऊर्जा से भरे रहें

क्या है डायस्टैसिस रेक्टी?

डायस्टैसिस रेक्टी को आसान भाषा में समझा जाए तो ये एब्डोमिनल सेपरेशन की एक ऐसी अवस्था है, जिसमें पेट की मांसपेशियों के बीच काफी गैप पैदा हो जाता है। महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान और उसके बाद डायस्टैसिस रेक्टी होना बहुत ही आम बात है।

आमतौर पर डायस्टैसिस रेक्टी महिलाओं में देखने को मिलती है, लेकिन कई बार पुरुष और बच्चे भी इस अवस्था का सामना कर सकते हैं। हालांकि, उनमें ऐसा होने के कारण अलग हो सकते हैं। पुरुषों और बच्चों में डायस्टैसिस रेक्टी ज्यादा भारी सामान उठाने से या गलत तरीके से की गई एक्सरसाइज करने के कारण हो सकता है।

प्रेग्नेंसी के बाद डायस्टैसिस रेक्टी होने के कारण

पढ़ें :- Ghee Benefits on Empty Stomach : रोज सुबह खाली पेट खाएं एक चम्मच घी, कई परेशानियां होगी छूमंतर

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे-जैसे गर्भाशय में शिशु का विकास होता है, वैसे ही गर्भाशय के बढ़ते आकार के कारण पेट की मांसपेशियां और फैलने लगती हैं। ऐसे में मांसपेशियों के बीच में एक खाली जगह बन जाती है। ऐसे में एक शोध के अनुसार, तकरीबन 60 फीसदी महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान या इसके बाद डायस्टैसिस रेक्टी हो जाता है। हालांकि, डिलीवरी के कुछ महीनों बाद ये अपने आप धीरे-धीरे ठीक भी हो जाता है।

डायस्टैसिस रेक्टी होने का खतरा किसे सबसे अधिक है?

आमतौर पर डायस्टैसिस रेक्टी गर्भवती महिलाओं को होना सामान्य है। एक आर्टिकल के अनुसार, तकरीबन दो-तिहाई महिलाएं इससे ग्रसित हैं। हालांकि, कई बार नवजात शिशुओं के साथ भी ऐसा होता है, लेकिन अपने आप सही हो जाता है। ऐसे में डायस्टैसिस रेक्टी महिलाओं के साथ पुरुषों और बच्चों में होना भी आम बात है।

पुरुषों में ये ज्यादातर गलत तरीके से की गईं एक्सरसाइज की वजह से होता है। वहीं, महिलाओं की बात करें तो अगर कोई महिला 35 साल की उम्र के बाद प्रेग्नेंट हुई है या किसी ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया है तो उन्हें डायस्टैसिस रेक्टी होने का खतरा सबसे अधिक है।

डायस्टैसिस रेक्टी के लिए ट्रीटमेंट

पढ़ें :- Covishield Vaccine Side Effects : पीएम मोदी पर बरसे अजय राय, बोले- 52 करोड़ चंदा लेकर 140 करोड़ हिंदुस्तानियों की जान का सौदा...

अधिकांश महिलाओं के साथ प्रेग्नेंसी के दौरान एब्डोमिनल सेपरेशन होता है। इसके कारण आपकी पीठ में दर्द हो सकता है। यही नहीं, एब्डोमिनल सेपरेशन की वजह से कई बार महिलाओं में पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, गलत तरीके से बैठने पर दर्द महसूस होना, कब्ज होना और सूजन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में डायस्टैसिस रेक्टी से बचने के लिए महिलाओं को कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा:

-डिलीवरी तक या उसके कुछ समय बाद तक किसी भी तरह का भारी सामान उठाने से बचें।

-सही तरीके से बैठना सीखें।

-जब भी बैठें तो अपने पीठ के निचले हिस्से को सपोर्ट देकर बैठें। इसके लिए आप किसी तकिया या तौलिए का इस्तेमाल कर सकती हैं।

-बेड पर जाने से पहले या उठने से पहले अपने घुटने मोड़ें और उठते समय हाथों के सहारे उठें।

कई बार डिलीवरी के बाद महिलाओं में डायस्टैसिस रेक्टी कुछ समय में ठीक हो जाती है, जबकि कुछ महिलाओं के साथ ऐसा नहीं होता। ऐसे में आप एक्सरसाइज के जरिए इसे सही कर सकती हैं।

पढ़ें :- Pregnancy Risks Solution: प्रेगनेंसी में हो रही कोई दिक्कत या हैं पेट बीमारी से परेशान, बस ये एक चीज कई समस्या को करेगी दूर

डायस्टैसिस रेक्टी की जांच कैसे करें?

कई बार महिलाओं के मन में सवाल उठते हैं कि आखिर वो डायस्टैसिस रेक्टी की जांच कैसे कर सकती हैं। हालांकि, इसे टेस्ट करने तरीके काफी आसान हैं। डायस्टैसिस रेक्टी का सबसे आम लक्षण आपके पेट का उभरना है। अगर आपको पेट की मांसपेशियों में तनाव या खिंचाव महसूस हो रहा है और पेट उभर रहा है तो आप डायस्टैसिस रेक्टी के शिकार हो चुकी हैं। इसके अलावा पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना, गलत तरीके से बैठना, कब्ज होना और ब्लोटिंग होना आप लक्षण हैं।

वैसे तो महिलाओं में डायस्टैसिस रेक्टी होना एक आम बात है, लेकिन इसे लेकर महिलाएं अपना खास ख्याल रखें। दरअसल, आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं अपना ध्यान सही से नहीं रख पाती हैं, जिसकी वजह से उन्हें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। इससे उनके मेंटल हेल्थ पर भी असर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वो अपना स्वास्थ्य बनाए रखें।

Advertisement