नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते कोरोना के नए मामलों के बीच मरने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को एक 22 साल की लड़की की कोविड से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लड़की पहले से टीबी से ग्रस्त थी। राजधानी में इस साल मरने वालों की संख्या अब चार हो चुकी है।
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दिल्ली में एक जनवरी से अभी तक कोरोना के 436 मरीजों की पुष्टि हुई। इनमें से 357 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। वहीं 91 मरीजों को शनिवार को दिल्ली के अस्पतालों से छुट्टी दी गई।
अस्पतालों में हैं पर्याप्त व्यवस्था
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था की गई है। साथ ही निजी अस्पतालों का भी सहयोग लिया गया है। मरीजों को फिलहाल डरने की जरूरत नहीं है। विभाग किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर, दवा सहित अन्य जरूरी उपकरण उपलब्ध कर दिए गए है।
हल्के में न लें ये लक्षण
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विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को फिलहाल हल्के में ना लें। यदि लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्कता बरते। ऐसा करने से घर के बुजुर्ग और गंभीर मरीज सुरक्षित रह सकते हैं। डॉक्टर का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद या देखने में आया है कि लोगों में छोटी बीमारियां भी लंबे समय तक चल रही है। खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में दिक्कत सहित हल्के लक्षण भी महीनों तक मरीजों को परेशान कर रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह है कि यदि किसी में कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें। उचित इलाज कराएं। साथ ही कोविड नियमों का पालन करें। ऐसा करने से वह खुद भी सुरक्षित रहेंगे और समाज के दूसरे सदस्यों को भी सुरक्षित रख सकेंगे।
लक्षण दिखे तो बरतें सख्ती
डॉक्टर का कहना है कि यदि कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्क हो जाना चाहिए। यदि आपकी इम्यूनिटी मजबूत है तब भी कोशिश करना चाहिए कि घर में आइसोलेट रहें। ऐसा करने से घर के बुजुर्ग और बीमार लोग इसकी चपेट में आने से बच सकते हैं। कोरोना का नया वेरिएंट हल्का है। या सामान्य लोगों पर असर नहीं करेगा लेकिन उनके माध्यम से दूसरों को संक्रमित जरूर कर सकता है।
सांस के मरीज रखें अपना खास ध्यान
वल्लभभाई पटेल चेस्ट अस्पताल के निदेशक डॉ. राजकुमार का कहना है कि सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों को कोविड से विशेष रूप से बचकर रहना चाहिए। मौजूदा समय में कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। इस दौरान अस्थमा सहित सांस के मरीजों को सख्ती से कोविड नियमों का पालन करना चाहिए। उन्हें बाहर निकलते समय मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। समय-समय पर हाथ धोते रहना चाहिए। वहीं अन्य डॉक्टरों का कहना है कि किसी भी प्रकार की रोगी को कोरोना के मरीजों से बचकर रहना चाहिए।
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गंभीर मरीज, बुजुर्ग का रखें ध्यान
नेशनल मेडिकल फोरम और दिल्ली अस्पताल फोरम के अध्यक्ष डॉ. प्रेम अग्रवाल ने कहा कि कोविड का नया वेरिएंट हल्का जरूर है, लेकिन गंभीर मरीज और जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनके लिए यह काफी खतरनाक है। कोविड के कारण मरीज की समस्या काफी गंभीर हो सकती है।