नोएडा। नवजात बच्ची के जीवन से खिलवाड़ करने वाले गोपाल नर्सिंग होम पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गोपाल नर्सिंग होम को नोटिस जारी किया है। औचक निरीक्षण में अस्पताल में कई खामियां पाई गईं। बच्चों के भर्ती होने के बाद भी अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ नहीं उपस्थित रहे। यही नहीं, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियमों के विपरित बीएमएस डॉक्टरों से इलाज कराया जा रहा है। यही नहीं, जिसके नाम से गोपाल नर्सिंग होम पंजीकरण है, वो भी निरीक्षण के दौरान नहीं पाए गए।
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दरअसल, शिवम भाटी ने अपनी पत्नी को दादारी में स्थित गोपाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया था, जहां पांच अक्टूबर को शिवम भाटी की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। जन्म के दौरान बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य थी लेकिन उसको गलत इंजेक्शन दे दिया गया था, जिसके कारण नवजात बच्ची के दाहिने हाथ की अंगुलियां और हथेली खराब हो गयीं। परिजनों ने इसकी शिकायत की तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से धमकी दी जाने लगी।
इसके बाद उन्होंने पुलिस और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से इसकी शिकायत की। साथ ही, अस्पताल की करतूत की शिकायत डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक तक भी पहुंची तो उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद गोपाल नर्सिंग होम बीते 10 नवंबर को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देश पर औचक निरीक्षण किया गया, जिसमें तमाम खामियां पाई गईं।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने गोपाल नर्सिंग होम को नोटिस जारी किया है। इसमें बताया गया कि, गोपाल नर्सिंग होम का पंजीकरण डॉ. विनेश कुमार (एमबीबीएस) के नाम से है। निरीक्षण के दौरान डॉ. विनेश कुमार उपस्थित नहीं पाए गए। निरीक्षण के समय डॉ अमित (बीएएमएस) रात्रि ड्यूटी में पाए गए। डॉ अमित स्वयं को आरएमओ बताया गया लेकिन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशा निर्देश के अनुसार बीएमएस चिकित्सक को एलौपैथिक पद्वति से चिकित्सा करने की अनुमति नहीं है।
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इसके साथ ही, निरीक्षण के दौरान पाया गया कि, गोपाल नर्सिंग होम में कई बच्चे भर्ती पाए गए लेकिन कोई भी बाल रोग विशेषज्ञ उपस्थित नहीं था। यही नहीं, निरीक्षण के समय नर्सिंग होम में पंजीकृत पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित नहीं पाए गए। दो एएनएम अंजू और मंजू उपस्थित मिलीं लेकिन दोनों ही एएनएम का प्रशिक्षण पूर्ण नहीं हुआ है।
रिपोर्ट में बताया गया कि, गोपाल नर्सिंग होम में जैव चिकित्सीय अपशिष्ट प्रबंधन क चार्ट नहीं लगा हुआ है। अपशिष्ट पृथक्करण उचित प्रकार से नहीं किया गया है। कलर कोड डस्टबिन नहीं पाए गए। इसको लेकर 10 दिवस के अंदर इन कमियों का निरीकरण कर सुस्ष्ट आख्या अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की बात कही गयी है।
सील हो सकता है गोपाल नर्सिंग होम
सबसे अहम है कि, गोपाल नर्सिंग होम में बच्चों का इलाज किया जा रहा है लेकिन वहां पर बाल रोग विशेषज्ञ उपस्थित नहीं मिलें। ऐसे में सवाल उठता है कि, क्या नवजात बच्ची के साथ जीवन से ऐसे ही खिलवाड़ किया गया, जिसके कारण उसने अपनी अंगुलियां गंवा दीं। ऐसा नहीं कि, गोपाल नर्सिंग होम में इस तरह का पहला मामला सामने आया है। इस अस्पताल की कई शिकायतें डिप्टी सीएम से लेकर सीएमओ तक हुई हैं। ऐसे में जल्द ही इस अस्पताल को सील किया जा सकता है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, शिवम भाटी ने अपनी पत्नी को दादारी में स्थित गोपाल नर्सिंग होम में भर्ती कराया था, जहां पांच अक्टूबर को शिवम भाटी की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। जन्म के दौरान बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य थी लेकिन उसको गलत इंजेक्शन दे दिया गया। परिवार का आरोप है कि, देखते ही देखते मासूम बच्ची के दाहिने हाथ में फफोले होने लगे। अस्पताल ने इस बात को परिजनों से छुपाए रखा, जिसके बाद उसके दाहिने हाथ का पंजा और अंगुलियां काली होने लगीं। ये देख अस्पताल प्रशासन ने आनन—फानन में मासूम बच्ची और उसकी मांग को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा दिया।
दूसरे अस्पताल में पहुंचे परिजन तो उन्हें बच्ची के हाथ के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि, बच्ची के हाथ काटने पड़ सकते हैं। डरे सहमे परिजन बच्ची को लेकर नोएडा के चाइल्ड पीजीआई पहुंचे, जहां बच्ची का इलाज हुआ लेकिन उसकी दाहिने हाथ की अंगुलियां काटनी पड़ीं। वहीं, इस मामले की शिकायत परिजनों ने दादरी थाने में की गई, जिसके बाद वहां से लिखकर मुख्य चिकित्साधिकारी को दिया गया। इसके बाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया।
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