Healthy Life: आमतौर पर लोग घरों में भी दिनभर चप्पल पहन कर रहते हैं और अगर नौकरीपेशा है तो कई घंटों तक लगातार जता पहन कर रहते है। नंगे पैर चलने वालों का प्रतिशत न के बराबर ही है। अगर हम आर्युवेद की बात करें तो चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि नौकरीपेशा लोग ऑफिसों में कई कई घंटे तक जूते पहनकर रहते है।
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घर आते हैं तो चप्पल पहन कर ही रहते है। इसकी वजह से पैर जमीन पर टच ही नहीं होता। यानि दिनभर में अर्थिंग या ग्राउडिंग न के बराबर हो गई है।इसके चलते लोगों को इससे जुड़ी सेहत से संबंधित कई समस्याएं होने लगती है।
जो एनर्जी शरीर में आ रही है, उसकी कहीं अर्थिंग नहीं हो पा रही। इससे एंजाइटी, डिप्रेशन जैसी समस्याएं होने लगती हैं। जिन लोगों को डिप्रेशन या एंजाइटी बनी रहती है। बिना वजह गुस्सा करना चिल्लाने की दिक्कत हो रही हो उनके लिए कुछ समय नंगे पैर चलना बेहद जरुरी है।
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इसके अलावा एसिडिटी और पित्तवृद्धि के लक्षण कम होने लगते है। इतना ही नहीं बिना वजह रोना आने में भी कुछ समय नंगे पैर चलना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही सिर में जलन और माइग्रेन की परेशानी में भी राहत मिलती है। सुबह सुबह नंगे पैर घास पर चलने के भी कई फायदें है।