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मैं राजा नहीं हूं और मैं बनना भी नहीं चाहता, मैं इस Concept के खिलाफ हूं: राहुल गांधी

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ‘एनुअल लीगल कॉन्क्लेव’ में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कहा कि, वहां मौजूद लोग तालियां बजाने से खुद को नहीं रोक पाए। इस पर उन्होंने कहा, मैं राजा नहीं हूं और मैं राजा बनना भी नहीं चाहता। मैं राजा के Concept के खिलाफ हूं।

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राहुल गांधी ने ने अपने संबोधन में कहा, एक राजनेता होने के नाते, हमारा एक बड़ा काम दूसरे राजनेताओं से मिलना होता है। जब आप किसी राजनेता से मिलते हैं, जैसा कि आप में से कई लोगों ने किया होगा, तो वह बहुत समय मामूली मुद्दों पर बात करने में बिताता है, और अंततः, वह उस मुद्दे पर आता है जब वह जाने के लिए तैयार होता है। दूसरी तरफ़ डॉ. सिंघवी जी हैं। वह तुरंत मुद्दे पर आ जाते हैं। 30 सेकंड में, वह मुझे संक्षेप में बता देते हैं।

उन्होंने आगे कहा, 2014 से ही मुझे चुनाव प्रणाली पर संदेह रहा है। इतनी बड़ी जीत हासिल करना आश्चर्यजनक है। महाराष्ट्र में जो हुआ, उसने मुझे इस मुद्दे को गंभीरता से लेने पर मजबूर कर दिया। मैं बिना सबूत के कुछ नहीं कह सकता था, लेकिन अब मैं बिना किसी संदेह के कहता हूं कि हमारे पास सबूत हैं। हम पूरे देश को दिखा देंगे कि चुनाव आयोग जैसी संस्था ठीक से काम नहीं करती। इसमें समझौता किया गया है। हमें सबूत ढूँढ़ने में 6 महीने लग गए। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चुनाव आयोग जो दस्तावेज़ उपलब्ध कराता है, उन्हें स्कैन या कॉपी नहीं किया जा सकता। चुनाव आयोग मतदाता सूची पर स्कैन और कॉपी प्रोटेक्शन क्यों लागू करता है?

राहुल गांधी ने आगे कहा, मेरी बहन ने मुझसे कहा कि मैं आग से खेल रहा हूं, और मैंने कहा कि मुझे पता है कि मैं आग से खेल रहा हूं, और मैं आग से खेलता रहूंगा। आखिरकार, आपमें से ज़्यादातर लोगों की तरह, मैं भी आग में ही फंस जाऊंगा। मेरे परिवार ने मुझे सिखाया है कि कायरों से मत डरो। सबसे कायरतापूर्ण काम जो आप कर सकते हैं, वह है किसी कायर से डरना। और हम ठीक इसी स्थिति से जूझ रहे हैं। सत्तारूढ़ विचारधारा काफी हद तक कायरता पर आधारित है।

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