लखनऊ: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हाल ही में बिजली कटौती की शिकायतों पर अफसरों को सख्त निर्देश दिया था । उन्होंने कहा था कि प्रदेश में न पैसे की कमी है, न बिजली की और न ही संसाधनों की। ऐसे में सुनिश्चित करें की अनावश्यक बिजली कटौती न हो अन्यथा कार्रवाई की जाएगी, लेकिन बिजली विभाग में तैनात अधिकारी मुख्यमंत्री का निर्देश मानने को तैयार नहीं हैं।
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बता दें कि यूपी के सीतापुर जिले में कारागार राज्य मंत्री और क्षेत्रीय विधायक सुरेश राही को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर बदलवाने के लिए पहले गुहार लगानी पड़ी, फिर जवाब में जेई की बदसलूकी झेलनी पड़ी। अंततः हालात ऐसे बने कि मंत्री को खुद अपने कार्यकर्ताओं के साथ ट्रांसफार्मर उतारने के लिए मौके पर पहुंचना पड़ा।
मंत्री सुरेश राही ने अपने विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में 20 दिनों से खराब पड़े ट्रांसफॉर्मर की शिकायत बिजली विभाग से की। गांव अंधेरे में डूबा था और ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही थी। मंत्री ने कई बार संबंधित अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब उन्होंने जूनियर इंजीनियर (JE) से फोन पर संपर्क किया, तो जवाब और भी चौंकाने वाला था। मंत्री के अनुसार, JE ने बेहद अमर्यादित तरीके से कहा खुद आकर उतरवा लो ट्रांसफॉर्मर।
मंत्री सुरेश राही ने अपने विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में 20 दिनों से खराब पड़े ट्रांसफॉर्मर की शिकायत बिजली विभाग से की। इसके बाद उन्होंने JE से फोन पर संपर्क किया, तो जवाब और भी चौंकाने वाला था। मंत्री के अनुसार, JE ने बेहद अमर्यादित तरीके से कहा खुद आकर उतरवा लो ट्रांसफॉर्मर। pic.twitter.com/1puVtgdVJC
— santosh singh (@SantoshGaharwar) August 6, 2025
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मामला यहीं नहीं रुका। मंत्री ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (MVVNL) की प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल को कॉल करने की भी कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझा। आखिरकार मंत्री ने स्वयं पहल करते हुए ग्रामीणों और अपने कार्यकर्ताओं के साथ ट्रांसफॉर्मर उतारने का फैसला लिया। बड़ी सी रस्सी की मदद से ट्रांसफॉर्मर को उतारा गया और उसे पावर हाउस ले जाकर बदलवाने का प्रयास किया गया। वहां मंत्री ने ग्रामीणों के साथ धरना भी दिया। इस वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हो गया। एक मंत्री द्वारा खुद ट्रांसफॉर्मर उतारने की खबर से ऊर्जा विभाग में हड़कंप मच गया।
जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (AK शर्मा) को मिली, तो उन्होंने तुरंत उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन आशीष गोयल और MVVNL की MD रिया केजरीवाल को तलब किया। ऊर्जा मंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि विभाग में बार-बार लापरवाही और गैर-जवाबदेही के मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार के मंत्री तक की बात नहीं सुनी जा रही, तो यह बेहद गंभीर संकेत हैं।
उनकी सख्ती का असर तत्काल देखने को मिला। सीतापुर में तैनात JE को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कोई पहला मौका नहीं है जब ऊर्जा मंत्री AK शर्मा ने विभागीय अधिकारियों को फटकार लगाई हो। इससे पहले भी वे चेयरमैन और MD को जवाबदेही तय करने के निर्देश दे चुके हैं। बावजूद इसके, बिजली विभाग की कार्यप्रणाली में जमीनी स्तर पर कोई ठोस बदलाव नहीं दिख रहा है। खुद ऊर्जा मंत्री भी इस बात को स्वीकार चुके हैं कि वे विभाग में एक JE तक का ट्रांसफर करने में सक्षम नहीं हैं।
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राज्य सरकार में माननीय राज्यमंत्री श्री सुरेश राही जी के साथ सीतापुर जिले के विद्युत विभाग के हरगांव के जूनियर इंजीनियर (JE) द्वारा अविवेकपूर्ण व्यवहार बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। साथ ही उक्त JE की जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता और अपने कार्य में शिथिलता भी अक्षम्य है।…
— A K Sharma (@aksharmaBharat) August 5, 2025
ऊर्जा मंत्री ने एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा है कि राज्य सरकार में राज्यमंत्री सुरेश राही के साथ सीतापुर जिले के विद्युत विभाग के हरगांव के जूनियर इंजीनियर (JE) द्वारा अविवेकपूर्ण व्यवहार बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। साथ ही उक्त JE की जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता और अपने कार्य में शिथिलता भी अक्षम्य है।इसके लिए JE रमेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।साथ ही मैंने माननीय मंत्री श्री राही जी से स्वयं बात करने के बाद चेयरमैन UPPCL और एमडी MVVNL को हिदायत दी है कि इस घटना में ऊपर से लेकर नीचे तक के प्रबंधन की गलती दिखती है।ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। सभी विद्युत कर्मियों को पुनः आग्रह एवं चेतावनी है कि जनभावनाओं की अनदेखी और जनता अथवा जनप्रतिनिधियों के साथ असभ्य व्यवहार के परिणाम गंभीर होंगे।