Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, यहां श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी और युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी चिंताजनक: IMF

भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, यहां श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी और युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी चिंताजनक: IMF

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan, Director, Asia Pacific Department) ने कहा भारत ,दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है ।  देश की वृहद आर्थिक बुनियाद अच्छी है।  कृष्णा श्रीनिवासन (Krishna Srinivasan) ने एक साक्षात्कार में कहा कि  हम वित्त वर्ष 2024-25 में सात प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगा रहे हैं, जिसे ग्रामीण खपत में सुधार से समर्थन मिलेगा क्योंकि फसलें अनुकूल रही हैं। खाद्य कीमतों के सामान्य होने से कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद वित्त वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा

अन्य बुनियादी बातों का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव के बावजूद राजकोषीय स्थिति बेहतर है। ‘फॉरेक्स रिजर्व’ की स्थिति काफी अच्छी है। भारत के लिए सामान्य तौर पर वृहद बुनियादी बातें अच्छी हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव के बाद देश की सुधार संबंधी प्राथमिकताएं तीन क्षेत्रों में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहली तो यह कि भारत में रोजगार सृजन को लेकर कई सवाल खड़े हैं। मुझे लगता है कि 2019-20 में स्वीकृत श्रम संहिताओं को लागू करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करते हुए श्रम बाजारों को मजबूत बनाने का मौका देगी।

उन्होंने कहा कि दूसरी बात यह है कि यदि आप प्रतिस्पर्धी बनना चाहते हैं, तो आपको व्यापार पर से कुछ पाबंदियों को हटाना होगा, क्योंकि जब आप व्यापार को उदार बनाते हैं, तो आप उत्पादक कंपनियों को जीवित रहने की अनुमति देते हैं। वहां अधिक प्रतिस्पर्धा है और यह नौकरियां सृजन कर सकता है। मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि अधिक व्यापार पाबंदियां हटाई जाएं।

श्रीनिवासन ने कहा कि अंतत: मैं कहूंगा कि सुधारों को जारी रखें, बुनियादी ढांचे को मजबूत करें, चाहे वह भौतिक बुनियादी ढांचा हो या डिजिटल बुनियादी ढांचा। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह इसी के साथ जारी रहेगा। हालांकि आगे बढ़कर आपको कृषि तथा भूमि सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आपको शिक्षा और कौशल को मजबूत करने के बारे में सोचना होगा।

कार्यबल के कौशल में निवेश की आवश्यकता पर बल देते हुए श्रीनिवासन ने कहा कि भारत एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जो सेवा क्षेत्र में काफी अधिक नौकरियों का सृजन कर सकती है। इसके लिए सही कौशल होना महत्वपूर्ण है। इसलिए, शिक्षा में निवेश करना, श्रम बलों को कुशल बनाना बहुत जरूरी है। श्रीनिवासन ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना भी एक सुधार है। लोगों से बात करने पर आपको अब भी बहुत सारी लालफीताशाही जैसी चीजें दिखेंगी। कारोबारी माहौल में सुधार करना महत्वपूर्ण पहलू होगा। ये कुछ ऐसे सुधार हैं जिन्हें मैं प्राथमिकता दूंगा।

पढ़ें :- Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती

उन्होंने देश की श्रम शक्ति में महिलाओं की कम भागीदारी और युवाओं में व्याप्त बेरोजगारी पर भी चिंता व्यक्त की। एशिया प्रशांत विभाग के निदेशक ने कहा कि कई आंकड़े मौजूद हैं, लेकिन हम सभी इस बात पर सहमत है श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी कम है और युवाओं में बेरोजगारी काफी अधिक है। इसलिए रोजगार सृजन के लिए माहौल को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

Advertisement