नई दिल्ली। बांग्लादेश हिंसक विरोध (Bangladesh Violent Protest) के बाद देश छोड़ कर भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Former Bangladesh PM Sheikh Hasina) की टेंशन बढ़ गई है। बांग्लादेश की यूनुस सरकार (Yunus Sarkar) ने ऐसा कदम उठाया है कि उनकी मुश्किल बढ़ सकती है और उनको भारत छोड़कर बांग्लादेश (Bangladesh ) जाना पड़ सकता है। इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (Bangladesh ) ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह ट्रिब्यूनल उनके खिलाफ इसी साल के छात्र आंदोलन के दौरान हिंसा और नरसंहार को लेकर गिरफ्तारी वरंट जारी किया है। कोर्ट ने उनको 18 नवंबर को पेशी का आदेश दिया है।
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आपको बता दें कि बांग्लादेश (Bangladesh ) में इसी साल जुलाई में आरक्षण के नाम पर देशव्यापी छात्र आंदोलन शुरू हुआ था। आंदोलन ने ऐसा उग्र रूप ले लिया था कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) की कुर्सी चली गई थी। वे जान बचाकर 5 अगस्त को भारत चलीं आई थीं। वह लगातार यूरोपीय देशों में शरण लेने की जुगत में थी। हालांकि किसी अन्य देश में शरण नहीं मिल पाने के वजह से तब से वह भारत में रह रहीं हैं। वहीं, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश के नव नियुक्त सरकार कई मौकों पर भारत से उनको सौंपने की मांग कर चुका है।
आपको बताते चलें कि अगस्त में ही हसीना के प्रत्यर्पण की मांग भी जोर पकड़ने लगी थी। बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने मुकदमा चलाने के लिए भारत से कई मौको पर शेख हसीना (Sheikh Hasina) के प्रत्यर्पण की मांग की थी। अब देखना होगा कि इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (Bangladesh ) के हसीना के गिरफ्तारी वारंट और केस चलाने के आदेश पर भारत या फिर बांग्लादेश क्या फैसला लेता। ऐसा लग रहा है कि सत्ता जाने के बाद भी शेख हसीना (Sheikh Hasina) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।