नई दिल्ली: संसद मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) के हंगामेदार सत्र में हर दिन विपक्षी दल के नेता किसी न किसी मुद्दे पर सत्तादल की घेराबंदी कर रहे हैं। सत्र के शुरुआत में बिहार में जारी SIR पर जमकर हंगामा हुआ। फिलहाल दो दिनों से संसद में पहलगाम अटैक (Pahalgam Attack) और ऑपरेशन सिन्दूर (Operation Sindoor) पर चर्चा जारी है तो इस बीच नगीना के संसद चंद्रशेखर आजाद (Nagina MP Chandra Shekhar Azad) ने संसद के बाहर राजस्थान के झालवाड़ में स्कूल हादसे में मारे गये बच्चों के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मसले पर उन्होंने संसद परिसर में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया है।
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‘हम तो पाठशाला समझ रहे थे, ये तो आपकी मृत्युशाला थी’
इस दौरान एक रोचक वाकया सामने आया। बता दें कि जिस समय नगीना के संसद चंद्रशेखर आजाद प्रदर्शन कर रहे थे। उसी समय कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन पहुंच गईं। चंद्रशेखर ने उन्हें भी पोस्टर थमा। पोस्टर हाथ में लेते हुए इकरा मुस्कुराती नजर आईं। इस पोस्टर पर लिखा था कि ‘हम तो पाठशाला समझ रहे थे, ये तो आपकी मृत्युशाला थी। मृतक छात्र झालावाड़।’
7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत
झालावाड़ के मासूमों को न्याय दो।
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25 जुलाई को राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित मनपसंद गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, पीपलोदी का जर्जर भवन अचानक ढह गया। इस हृदयविदारक हादसे में 7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, और 11 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं —… pic.twitter.com/94mmyUveU6
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) July 28, 2025
सांसद चंद्रशेखर ने बच्चों के लिए न्याय की मांग की है। उन्होंने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा कि “झालावाड़ के मासूमों को न्याय दो। 25 जुलाई को राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के मनोहर थाना क्षेत्र स्थित मनपसंद गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, पीपलोदी का जर्जर भवन अचानक ढह गया। इस हृदयविदारक हादसे में 7 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, और 11 बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं जो ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
हादसा नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही
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— Iqra Hasan (@IqraMunawwar_) July 28, 2025
चंद्र शेखर आजाद ने आगे लिखा, कि यह हादसा नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही और जनउत्तरदायित्वहीन व्यवस्था द्वारा की गई हत्या है। वर्षों से जर्जर भवन की अनदेखी, शिक्षा व्यवस्था को दी जाने वाली उपेक्षा और ग्रामीण बच्चों की जान की कोई कीमत न समझने वाली सोच ने इन मासूमों की जान ले ली। आज संसद भवन परिसर में तख्ती के साथ किया गया शांतिपूर्ण प्रदर्शन केवल विरोध नहीं, व्यवस्था को झकझोरने की चेतावनी है। इसी तरह इकरा हसन ने भी तख्ती थमने का फोटो अपने ‘एक्स’ पर साझा किया है।
हमारी मांगें:
1. घायल बच्चों को सर्वोत्तम इलाज व पुनर्वास की सुविधा दी जाए।
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2. मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपए का मुआवज़ा तथा स्थायी मदद दी जाए।
3. घायल बच्चों को 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता व लंबी अवधि की देखभाल मिले।
4. सभी सरकारी विद्यालय भवनों का आपातकालीन सुरक्षा ऑडिट हो और दोषियों की जवाबदेही तय हो।
और सबसे ज़रूरी बात:- सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं। आशा है कि इस बार जांच के नतीजे सामने आएंगे, क्योंकि हमारे यहां जांचें कई बार सच को दफ़नाने का ज़रिया बन जाती हैं।
याद कीजिए पुलवामा हमला — जहां आज भी पूरा देश जवाब मांग रहा है, लेकिन सच्चाई अब भी अंधेरे में है।