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Lakhimpur violence : प्रियंका गांधी बोलीं- मंत्री का धमकी वाला भाषण, लखीमपुर किसान नरसंहार का था सबसे अहम पहलू

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra) ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि लखीमपुर किसान नरसंहार (Lakhimpur farmer massacre) में सबसे महत्वपूर्ण पहलू था गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र (Minister of State for Home Ajay Mishra) का धमकी वाला भाषण। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार (BJP Government)ने किसानों के साथ खड़े होने के बजाय उनका समर्थन किया। उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार (BJP Government) ने अपने मंत्री की लाठी मजबूत की। न्याय का संघर्ष जारी है। पीड़ित किसान परिवार व हम सब मिलकर न्याय की लौ बुझने नहीं देंगे।

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लखीमपुर खीरी (Lakhimpur) में पिछले साल 3 अक्‍टूबर को हिंसा हुई थी। इस हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में केंद्रीय गृहराज्‍य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ (Union Minister of State for Home Ajay Mishra ‘Teni’) का बेटा आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) मुख्‍य आरोपी है। मंगलवार को आशीष मिश्रा (Ashish Mishra)  की कोर्ट में पेशी थी। पुलिस हिरासत में कोर्ट लाए जाने के दौरान वह मूंछों पर ताव देता हुआ नज़र आया। जेल में बंद आशीष मिश्रा  के इस अंदाज की फोटो और वीडियो तेजी से मीडिया में वायरल हो रहा है।

मंगलवार को आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की अलग से पेशी के बाद अंकित दास, सुमित जायसवाल समेत इस मामले के अन्‍य आरोपियों की भी अदालत में पेशी कराई गई। आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की पुलिस हिरासत में मूछों पर ताव देने की तस्‍वीर तब सामने आई आई है। जब एक दिन पहले ही सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खीरी के तिकुनिया कांड मामले (Tikunia case) की सुनवाई के दौरान नेताओं के गैर जिम्मेदाराना बयानों पर कड़ी टिप्पणी की।

कोर्ट ने कहा कि जवाबी हलफनामे के मुताबिक यदि केंद्रीय राज्य मंत्री (अजय मिश्रा टेनी) ने कथित बयान न दिया होता तो यह घटना ही न हुई होती। न्यायालय ने चार्जशीट का जिक्र करते हुए कहा कि किसान तो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ व उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की इस मामले को लेकर आलोचना की।

इसके साथ ही कल कोर्ट ने इस मामले के चार आरोपियों अंकित दास, सुमित जायसवाल, लवकुश और शिशुपाल की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। न्यायालय ने कहा कि अभियुक्तों के विरुद्ध उपलब्ध मजबूत साक्ष्यों को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता। यह आदेश पीठ ने उपरोक्त अभियुक्तों की ओर से दाखिल अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद आशीष ने किया था समर्पण

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लखीमपुर कांड (Lakhimpur violence) में मुख्‍य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra)  को 28 दिन तक जेल में रहने के बाद 15 फरवरी को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी। 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने उनकी जमानत अर्जी खारिज करके उन्हें एक सप्ताह के अंदर सरेंडर होने का आदेश दिया था। 68 दिन जमानत पर बाहर रहने के बाद 24 अप्रैल की दोपहर भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में आशीष मिश्रा (Ashish Mishra)  ने मजिस्ट्रेट के सामने खुद को सरेंडर कर दिया था।

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