उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहमान खेड़ा में बाघ के आतंक से दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक वह सफलता हाथ नहीं लगी है। बाघ अब तक छह मवेशियों का शिकार कर चुका है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लखनऊ के रहमान खेड़ा के जंगल और आसपास के करीब 15 किमी के दायरे में बाघ से कई गांवो में दहशत का माहौल है। बाघ के खौफ से लोगो ने अपने घर ने निकलना बंद कर किया है। शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हैं।
बाघ के डर से न तो किसान खेतों में उगाई सब्जियां बेचने मंडी जा पा रहे है और न ही व्यापारी दुकानें खोल रहे और बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। बाघ की दहशत से सबसे अधिक मीठे नगर और बुधड़िया गांव है। इन गांवों में बाघ ने जानवरों का शिकार किया है। जहां के किसानों और फसलों पर इसका बहुत असर पड़ रहा है।मीठे नगर के रहने वाले किसान अयोघ्या प्रसाद ने बताया कि खेतों में मचान बनाकर फसल की रखवाली करते थे लेकिन बाघ की आहट के बाद से मचाने खाली हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते रविवार को कानपुर, लखनऊ और लखीमपुर खीरी से बुलाई गई टीम ने बाघ को पकड़ने की कोशिश की पर सफलता न मिली। बाघ पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया था, जिसमें भैंस के बच्चे को पिंजरे में रखा गया था कि बाघ लालच में आकर उसका शिकार करेगा और पिंजरे में फंस जाएग।. लेकिन बाघ पिंजरे में नहीं आया। इस बीच, भैंस के बच्चे का पिंजरे में दम जरूर घुट गया और उसकी मौत हो गई। हालांकि, इससे पहले बाघ ने पिंजरे में आकर एक पड़वे का शिकार किया था।
बीते शुक्रवार रात बाघ ने एक गाय पर हमला करके उसका शिकार कर लिया और बाघ पकड़ने वाली विशेषज्ञों की टीम सिर्फ देखती रह गई। बाघ वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि, राहत की बात है कि बाघ ने अब तक किसी आदमी पर हमला नहीं किया है।
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डीएफओ डॉ सीतांशु पांडे ने बताया कि वन विभाग और भारतीय वन्यजीव की टीम ने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है। लखनऊ, कानपुर और दुधवा टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई। कंट्रोल रूम को जंगल के एंट्रेंस पॉइंट के पास शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। बाघ के सुरक्षित और सफल रेस्क्यू के लिए दो वेटनरी डॉक्टरों की टीम और भारतीय वन्यजीव टीम के सदस्य क्षेत्र में लगातार निगरानी कर रहे हैं।