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हादसों के मुहाने पर लखनऊ के कोचिंग सेंटर, सुरक्षा मानक ताख पर रखकर हो रहे हैं संचालित

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ कोचिंग सेंटर (Lucknow Coaching Centre) का बड़ा हब बन चुका है। राजधानी के पॉश इलाके हजरतगंज (Hazratganj), कपूरथला (Kapurthala) सहित शहर के तमाम इलाकों में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर चल रहे कोचिंग सेंटर (Coaching Centre) खतरे के मुहाने पर खड़े हैं। लखनऊ में भी कई कोचिंग संस्थान बेसमेंट में कक्षाएं संचालित कर रहे हैं। हजरतगंज में ही कई संस्थान बेसमेंट में हैं। जहां दिल्ली के राव आईएएस कोचिंग (Rao IAS Coaching in Delhi) जैसी आफत आ जाए तो बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा।

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दिल्ली की राव आईएएस कोचिंग (Rao IAS Coaching in Delhi) जैसा बेसमेंट तो नहीं है, लेकिन हादसे की आशंका से इनकार नहीं कर सकते। हजरतगंज स्थित लीला सिनेमा के पास तेज प्वाइंट बिल्डिंग (Tej Point Building) के बेसमेंट में कोचिंग संस्थान (Coaching Institutes) चल रहा है। कोचिंग में जाने के लिए सीढ़ी बनी हैं। हादसा हो जाए तो बच्चे मुसीबत में आ सकते हैं। मीराबाई मार्ग (Mirabai Marg) पर बड़ी कोचिंग चलती है। यहां बेसमेंट में पढ़ाई होती है। यहां कोचिंग में सीढ़ी से चढ़कर जाना होता है फिर बेसमेंट में भी बच्चे सीढ़ी से जाते हैं। निकलने का संकरा रास्ता पीछे है। प्रिंस कॉम्प्लेक्स (Prince Complex) में कई कोचिंग हैं ,लेकिन सुरक्षा तजाम नहीं। कोचिंग सेंटरों (Coaching Centres)  की निगरानी की जिम्मेदारी उच्च शिक्षा विभाग की है।

शहर के पॉश इलाकों तक में चलने वाले कोचिंग सेंटरों (Coaching Centres) में खुलेआम नियमों की अनदेखी के बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे हुए हैं। आलम यह है कि एक ही समय में दर्जनों की संख्या में छात्र मौजूद रहते हैं। बावजूद इसके आवागमन के लिए संकरी से जीनों के अलावा कोई दूसरा रास्ता तक नहीं है। इतना ही नहीं आग बुझाने के इंतजाम भी नदारद हैं।

संकरी गली में संचालित हो रहे हैं कई-कई कोचिंग सेंटर

राजधानी में सबसे ज्यादा कोचिंग हजरतगंज और कपूरथला में हैं। इसके साथ ही कृष्णा नगर, पत्रकारपुरम और चिनहट में दर्जनों की संख्या में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं। संकरी गलियों और कम जगह पर मानकों को दरकिनार कर बनी बहुमंजिला इमारतों में धड़ल्ले से कोचिंग चल रही हैं। इनमें हजारों की संख्या में छात्र पढ़ने आते हैं। बावजूद ज्यादातर जगह फायर विभाग से एनओसी तक नहीं ली गई है। बेतरतीब तरीके से खींचे गए बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट का खतरा भी मंडराता रहता है।

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पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार विभागों की मिलीभगत से मानकों को दरकिनार कर चल रहा है कोचिंग सेंटर 

शहर में अलग-अलग स्थानों पर 1000 से ज्यादा कोचिंग सेंटर चल रहे है। इनमें ज्यादातर में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। पुलिस सहित अन्य जिम्मेदार विभागों की मिलीभगत से मानकों को दरकिनार कर कोचिंग सेंटर चल रहा हैं। आलम यह है कि अनहोनी के दौरान सुरक्षित निकलने के लिए इमरजेंसी गेट तक नहीं हैं।

क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी कार्यालय- अग्निशमन विभाग के पास कोचिंग सेंटरों (Coaching Centres) का नोडल दफ्तर है। इसका आंकड़ा ही नहीं है कि लखनऊ में कितने कोचिंग सेंटर हैं। क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी डॉ. सुधीर चौहान (Regional Higher Education Officer Dr. Sudhir Chauhan) का कहना है कि फोन पर कुछ नहीं बता पाएंगे। उधर, सीएफओ मंगेश कुमार का कहना है कि कोचिंग सेंटर (Coaching Centre) की सूचना हमारे यहां आती नहीं है। इस नाते नहीं बता सकते कि कितने कोचिंग संस्थान हैं।

यूपी कोचिंग विनिमय अध्यादेश- 2002 (UP Coaching Exchange Ordinance- 2002) में बना। इसमें कोई भी तय शुल्क जमा कर क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी कार्यालय (Regional Education Officer Office) में पंजीकरण कर सकता है। दो वर्ष पहले अग्निशमन से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लागू किया गया। मगर पालन नहीं होता है। आग लगने के बाद चला पता चलता है कि फायर की एनओसी (NOC) नहीं थी।

 

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