Makar Sankranti 2025 : सूर्य देव जब दक्षिणायन से उत्तरायण होते हैं तब संपूर्ण भारत में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा। नए साल पर मकर संक्रांति हिंदू धर्म का पहला त्यौहार होता है. मकर संक्रांति सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश के बाद मनाई जाती है। मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इस दिन उन्हें तिल के लड्डू भेंट स्वरूप चढ़ाए जाते हैं। वहीं इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर दान करना बहुत पुण्य काम माना गया है, लेकिन इस दिन कुछ चीजों का दान नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में।
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तामसिक भोजन
मांस, मदिरा, या तामसिक भोजन का दान न करें। मकर संक्रांति एक सात्विक पर्व है, इसलिए तामसिक वस्तुओं का सेवन और दान दोनों वर्जित है। यह शांति और शुभता के स्थान पर नकारात्मकता ला सकता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, चावल और सफेद वस्त्र का दान इस दिन शुभ नहीं माना जाता है।
काले रंग के कपड़ों
मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कपड़ों का दान करने से अशुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। काले रंग के कपड़ों के दान से ग्रहों के अशुभ प्रभावों में भी बढ़ोतरी होती है। इसलिए भूलकर भी मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कपड़ों का दान न करें। मकर संक्रांति पर पीले रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान सूर्य आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तेल का दान नहीं करना चाहिए
मकर संक्रांति के दिन भूलकर भी तेल का दान नहीं करना चाहिए। इस दिन तेल का दान करना बेहद अशुभ माना गया है। कहा जाता है कि इस दिन तेल का दान करने से सेहत से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा इस इसका कर्मों पर बुरा असर होता है। ऐसे में मकर संक्रांति के दिन तेल का दान करने से बचना चाहिए।