Milkipur By-Election : यूपी की मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur Assembly Seat) पर होने वाला उपचुनाव टलना तय हो गया है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मिल्कीपुर विधानसभा (Milkipur Assembly ) से जुड़ी याचिका पर अब 2 नवंबर के बाद सुनवाई करने का फैसला किया है। इसके साथ ही अब यह तय हो गया है कि मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र (Milkipur Assembly Seat) में नौ अन्य सीटों के साथ 13 नवंबर को मतदान नहीं हो सकेगा। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) समेत पार्टी के अन्य नेता इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर पहले से ही हमलावर हैं।
पढ़ें :- Milkipur By Election : मिल्कीपुर में उपचुनाव का रास्ता साफ, बाबा गोरखनाथ ने वापस ली याचिका, जानें कब होगा चुनाव?
हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने का विरोध
मिल्कीपुर विधानसभा सीट को (Milkipur Assembly Seat) लेकर गुरुवार को लखनऊ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान भाजपा नेता बाबा गोरखनाथ के वकील संदीप यादव (BJP leader Baba Gorakhnath’s lawyer Sandeep Yadav) ने याचिका वापस लेने की अपील की। दूसरी ओर फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद (SP MP from Faizabad, Awadhesh Prasad) के वकील ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि इस मामले में सभी छह उम्मीदवारों को नोटिस भेजी जानी चाहिए। उन्होंने दलील दी कि इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद ही सुनवाई होनी चाहिए।
लखनऊ हाईकोर्ट में जस्टिस पंकज भाटिया (Justice Pankaj Bhatia in Lucknow High Court) की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। जस्टिस भाटिया (Justice Bhatia) ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी पार्टियों को नोटिस जारी करने और अखबार में गजट प्रकाशित करने का निर्देश दिया। अब इस मामले में 2 नवंबर के बाद सुनवाई होगी।
अब मिल्कीपुर में उपचुनाव टलना तय
पढ़ें :- Breaking News -मिल्कीपुर सीट को लेकर बड़ा ऐलान, अपनी याचिका वापस लेंगे गोरखनाथ बाबा
हाईकोर्ट के इस निर्देश के बाद मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur Assembly Seat) पर उपचुनाव टलना तय हो गया है। इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता बाबा गोरखनाथ (Petitioner Baba Gorakhnath) ने आरोप लगाया कि सपा नहीं चाहती कि मिल्कीपुर विधानसभा सीट (Milkipur Assembly Seat) पर उपचुनाव हो। इसीलिए सपा की ओर से याचिका वापसी का विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में निर्दलीय प्रत्याशी शिवमूरत ने भी याचिका दायर की थी। वे शिवमूरत को भी याचिका वापस लेने के लिए साथ लेकर पहुंचे थे।