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मोदी सरकार अडानी पर चर्चा नहीं चाहती, वे मुद्दे को भटकाना चाहते हैं लेकिन हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे: राहुल गांधी

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में दोनों सदन में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने संबंधी नोटिस और अडानी-सोरोस के मुद्दे पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप जारी है। लोकसभा में कांग्रेस ने ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की अपील की है।

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इन सबके बीच कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, मैंने स्पीकर से मुलाकात कर कहा कि मेरे खिलाफ की जाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों को हटाया जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा है कि वे इस पर गौर करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि सदन चलना चाहिए और सदन में चर्चा होनी चाहिए। वे मेरे बारे में जो चाहे कहें, लेकिन हम चाहते हैं कि सदन में चर्चा हो।

उन्होंने कहा, 13 दिसंबर को संविधान पर चर्चा करने की बात तय हुई थी, ये चर्चा होनी चाहिए। मोदी सरकार अडानी पर चर्चा नहीं चाहती। वे मुद्दे को भटकाना चाहते हैं, लेकिन हम इस मुद्दे को उठाते रहेंगे। वे मेरे ऊपर चाहे जितने आरोप लगा लें, लेकिन हम सदन को चलाना चाहते हैं।

वहीं, कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, राज्य सभा में आज एक इशारे पर पूरा सत्ता पक्ष खड़ा हो जाता है और व्यवधान पैदा करता है। मौजूदा सत्ता पक्ष संविधान पर चर्चा नहीं चाहता है, जिसके लिए दो दिन तय किये गए हैं। मैंने सदन में कहा कि यह सरकार संविधान विरोधी है, जिसके बाद मेरा माइक बंद कर दिया गया। सरकार नहीं चाहती कि अडानी के मुद्दे पर चर्चा हो, क्योंकि चर्चा होने से मोदी-अडानी के रिश्तों की पोल खुल जाएगी।

 

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