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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया ‘धार्मिक कट्टरता’ के विरुद्ध चलाएगा राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया (Muslim Personal Law Board of India) की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की सोमवार से शुरू हुई। बैठक में धार्मिक कट्टरता के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान (Nationwide Awareness Campaign) चलाने, केंद्रीय वक्फ एक्ट में संशोधन सहित सूफीवादी विचारधारा को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने , वर्तमान हालात में जरूरत को ध्यान में रखते हुए उसकी मजबूती के लिये काम करने के प्रस्ताव पारित हुए। बैठक में धार्मिक कट्टरता (Religious Bigotry) के विरुद्ध बड़े अभियान को अंतिम रूप से मंगलवार को बैठक के तीसरे सत्र में दिया जाएगा, राष्ट्रीय कार्यसमिति के विस्तार पर भी दूसरे सत्र में चर्चा हुई।

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बैठक में पारित प्रस्तावों के संबंध में उपरोक्त जानकारी देते हुए बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डाॅ मुईन अहमद ने बताया कि धर्मिक कट्टरता समाज व राष्ट्र को खोखला कर रही है, जिसे सूफीवादी विचारधारा के सूफी संतों की अगुवाई में परास्त कर देश मे सद्भाव का वातावरण स्थपित करना हमारी पहली प्राथमिकता है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सूफीवादी सुन्नत वल जमात के धर्मस्थलों का प्रबंधन वहाबी विचारधारा के हवाले करने की मुहिम चला रखी है जिससे एक तरह से सत्ता के संरक्षण में सुफिज्म खत्म हो रहा है यह मुस्लिम समुदाय ही नही देश को कमजोर कर देगा। सूफीवादी विचार देश मे भाईचारे के लिये महत्वपूर्ण है इस पर सत्ता के साथ देश के राजनीतिक दलों, बुद्धजीवियों को गम्भीरतपूर्वक चिंतन मंथन करना मौजूदा हालात में आवश्यक हो गया है।

बोर्ड के प्रस्ताव में कहा गया कि वर्तमान वक्फ एक्ट में केंद्र सरकार को संशोधन करना चाहिये जिससे सूफीवादी विचारधारा के धर्मस्थलों, मस्जिदों, दरगाहों, खानकाहों की सुरक्षा के साथ विचारधारा सुरक्षित हो और कट्टरता को हराना आसान हो। बोर्ड महासचिव डॉ मुईन अहमद खान ने कहा कि पुराना आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सभी मामलों पर विफल संगठन होने के साथ वह अपनी वहाबी विचारधारा तक सीमित है, जिस कारण 80 फीसदी से अधिक सूफी सुन्नी विचारधारा की बुनियाद पर नया बोर्ड गठित करना जरूरी हुआ, जिसमें 22 राज्यों का प्रतिनिधित्व है।

बैठक में कर्नाटक के सूफी मौलाना तनवीर हाशमी द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव -धार्मिक कट्टरता राष्ट्र को नुकसान पहुचा रही है। सभी धर्मों में सद्भावना के लिये संवाद, समन्वय का अभियान शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया। डॉ. मुईन अहमद ने बताया कि अनेक प्रस्तावों पर हो अभी चर्चा हो रही है। 24 अगस्त को तीसरे व चौथे सत्र में चर्चा के बाद प्रेस को ब्रीफ किया जाएगा।

बैठक की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना कारी यूसुफ अज़ीज़ी, संचालन रियाजुद्दीन कादरी ने किया। बैठक में कर्नाटक के मौलाना तनवीर हाशमी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूफी साजिद हुसैन अजमेरी, आल इंडिया आइम्मा मसाजिद के अध्यक्ष हाफिद मोहम्मद अली कादरी, आंध्रप्रदेश अध्यक्ष सूफी अल्ताफ राजा, राजस्थान अध्यक्ष मुफ़्ती शमीम, मौलाना जाहिद रज़ा रज़वी उत्तराखंड, पूर्व विधायक नसीम अहमद, कारी मुबारक हुसैन गुजरात, मौलाना मोहम्मद रज़ा अमजद बिहार, मुफ़्ती मोहम्मद अलीकादरी कर्नाटक, मौलाना मोहम्मद बख्तियार हुसैन देहली, अमीर हमजा रज़वी हरियाणा, कारी चिरगुद्दीन राजस्थान, डॉ. जहीरुद्दीन रज़वी छत्तीसगढ़, मोहम्मद आमिर सिद्दीकी, शफीक अहमद, सैय्यद मेहंदी, हाजी खलील फरीदी आदि प्रमुख पदाधिकारी मौजूद है। राष्ट्रीय समिति की खबर लिखे जाने तक दूसरे सत्र की बैठक चल रही है। 24 अगस्त को दो सत्रों में कल बैठक होगी। यह जानकारी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया राष्ट्रीय प्रवक्ता रियाजुद्दीन बक्खो कादरी ने दी।

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