नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत की मोदी सरकार (Modi Government) ने सख्त कूटनीतिक एक्शन लिया है। आतंक की पाठशाला चलाने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Pakistan Defence Minister Khawaja Asif) आतंकियों को पालने की बात को स्वीकार किया है। खास बात है कि जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पड़ोसी मुल्क भारत के रडार पर है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के दौरान एक इंटरव्यू के दौरान आसिफ से सवाल किया गया,कि क्या आप यह मानते हैं कि इन आतंकवादी संगठनों को फंड करने और ट्रेनिंग देने का पाकिस्तान का लंबा इतिहास रहा है। इस पर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि हम यह गंदा काम अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिम के लिए 3 दशकों से कर रहे हैं। यही वो गलती थी और हम इसके कारण भुगत रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंटरव्यू के दौरान ही उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के होने से भी इनकार कर दिया था। साथ ही द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के बारे में जानकारी नहीं होने की बात कही थी। उन्होंने कहा, कि’लश्कर पुराना नाम है। यह अब नहीं है। ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को ब्रिटिश अखबार द स्काई को दिए इंटरव्यू में यह बातें कहीं। ब्रिटिश एंकर यल्दा हकीम ने उनसे सवाल पूछा था कि क्या पाकिस्तान आतंकी गुटों की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है? इस पर उन्होंने कहा कि वैश्विक शक्तियों ने अपने हितों के लिए पाकिस्तान का इस्तेमाल किया।
ख्वाजा आसिफ ने यह भी माना कि आतंकियों का समर्थन करना या ट्रेनिंग देना बड़ी गलती थी। हम इसकी सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा- अगर हम सोवियत यूनियन के खिलाफ जंग में शामिल नहीं होते और और 9/11 के हमलों के बाद जो हालात बने, वो न बनते तो पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेदाग होता।
पाकिस्तान का ऐलान
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पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत के साथ शिमला समझौते और अन्य द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित कर दिया, सभी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी और भारतीय एयरलाइन के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही उसने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित पानी के प्रवाह को रोकने या परिवर्तित करने का कोई भी प्रयास युद्ध छेड़ने के समान माना जाएगा।
पाकिस्तान ने वाघा सीमा चौकी को भी बंद कर दिया, दक्षेस वीजा छूट योजना (SYS) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी सभी वीजा भी निलंबित कर दिए हैं तथा भारतीय उच्चायोग में सैन्य सलाहकारों को वापस जाने को कहा।
पहलगाम हमला 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने मासूम सैलानियों को गोलियों से भून दिया था। इस दौरान 26 लोगों की मौत हो गई थी। हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ (TRF) ने ली थी। खास बात है कि टीआरएफ लश्कर से जुड़ा है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए थे। इनमें सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty)स्थगित करना भी शामिल है।