नई दिल्ली। एशिया कप 2025 फाइनल (Asia Cup 2025 Final) मुकाबले में भारत ने पांच विकेट से हराकर पाकिस्तान को चारो खाने चित कर दिया। इसके बाद आतंकवाद की स्पॉन्सर (Sponsoring Terrorism) पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan Cricket Team) के कप्तान सलमान अली आगा (Captain Salman Ali Agha) ने घोषणा की कि उनकी टीम एशिया कप फाइनल (Asia Cup 2025 Final) मैच की फीस भारत के ऑपरेशन सिंदूर से प्रभावित आतंकवादियों और उनके परिवारों को दान करेगी। इससे साबित हो गया कि आतंकवादी, आतंकवादी का ही साथ देते हैं। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी मसूद अजहर (Masood Azhar) के परिवार के 10 लोगों की मौत हुई थी।
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ये पाकिस्तानी कभी नही सुधरेंगे…
अपनी मैच फीस आतंकी मसूद अजहर की फैमिली को देंगे पाकिस्तानी कप्तान? Asia Cup हार के बाद सलमान आगा का ऐलान..#AsiaCupFinal pic.twitter.com/cPk5AAqqup— JITENDER MONGA जितेंद्र मोंगा (@JITENDERMONGA_) September 29, 2025
सलमान ने कहा कि पूरा मैच फीस उन परिवारों को दान किया जाएगा जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए। यानी पाकिस्तानी खिलाड़ी आतंकियों के परिवारों को मैच फीस देंगे, क्योंकि भारत के ऑपरेशन सिंदूर में केवल पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था और उसमें 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया था।
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आतंकी मसूद अजहर भी होगा मालामाल?
ऐसे में पाकिस्तान कप्तान का यह बयान उनका असली चेहरा दिखाता है। इस एलान से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी मसूद अजहर भी मालामाल हो जाएगा। दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के कई सदस्य मारे गए थे। सलमान आगा ने कहा कि हमारी टीम एशिया कप फाइनल की मैच फीस को मई में भारत के हमलों में मारे गए नागरिकों और बच्चों के परिवारों को दान कर रही है।
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर बवाल मच गया है। भारतीय फैंस लिख रहे हैं कि पाकिस्तान ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आतंक के खिलाफ नहीं बल्कि आतंक के साथ खड़ा है।
हमारी लड़ाई क्रिकेट पिच पर नहीं है हमारी लड़ाई टेरर पिच पर है, ये टेररिस्तान हमारे सैनिकों को मारते हैं : सांसद प्रियंका चतुर्वेदी
एशिया कप फाइनल मैच पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ये मैच नहीं होने चाहिए थे। PCB के फायदे के लिए जो BCCI ने क्रिकेट मैच किया। प्रसारकों के राजस्व के लिए जो मैच हुआ है। देश की 140 करोड़ जनता नहीं चाहती थी कि ये मैच हो। आतंकवादी हमले में जो मारे गए वे 26 परिवार कह रहे थे कि जख्म पर नमक लगाने जैसी बात हुई। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसे देश से जिसने केवल आतंक फैलाया हो हम उनके साथ क्रिकेट खेलेंगे? उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई क्रिकेट पिच पर नहीं है हमारी लड़ाई टेरर पिच पर है। ये टेररिस्तान हमारे सैनिकों को मारते हैं। इनके साथ ना हमें बात करनी है ना कोई खेल खेलना है ना कोई जश्न मनाना है। जश्न उस दिन मनेगा जब हर आतंकवादी को वहां से खदेड़ कर निकाल दिया जाएगा।
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जो लोग ऑपरेशन सिंदूर को तोड़-मरोड़कर ऑपरेशन तिलक कह रहे हैं, वे दरअसल पहलगाम हमले में शहीद परिवारों का सीधा-सीधा कर रहे हैं अपमान
एक सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि जो लोग ऑपरेशन सिंदूर को तोड़-मरोड़कर ऑपरेशन तिलक कह रहे हैं। वे दरअसल पहलगाम हमले में शहीद हुए 26 जवानों और उनके परिवारों का सीधा-सीधा अपमान कर रहे हैं। यह सिर्फ़ शब्दों का खेल नहीं है बल्कि उन परिवारों के जख्मों को बार-बार कुरेदने जैसा है जिन्होंने अपने अपनों को खोया है। हर बार शहीदों की शहादत को मजाक बनाकर याद दिलाना उनके परिवारों की पीड़ा को और गहरा करता है।
अब देखिए, इस एशिया कप के फाइनल के बाद हारने वाली टीम को भी 1.3 करोड़ रुपये मिलेंगे। क्या वाकई यही 26 शहीदों के बलिदान का बदला है? अगर खेल ही बदला पूरा कर सकता है तो फिर क्यों बॉर्डर पर बम तोप मिसाइल दागी गयी, क्यों गोलियां चलीं, क्यों जवानों की जान गई?
साफ है, खेल से कोई बदला पूरा नहीं होता। खेल तभी खेला जाना चाहिए जब उसमें आपसी सद्भाव और भाईचारा हो। नफरत और झूठे राष्ट्रवाद में खेल को ढाल बनाना देश और जनता दोनों के साथ मजाक है। इसलिए मेरी आप सब से यही अपील है , खेल को खेल ही रहने दीजिए, इसे झूठे राष्ट्रवाद और बदले की राजनीति से मत जोड़िए। शहीदों की शहादत का सम्मान कीजिए, उसे किसी खेल के स्कोरबोर्ड पर तौलना सबसे बड़ा अन्याय है।