Jagdeep Dhankhar Resign: संसद के मॉनसून सत्र में जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे को लेकर कई तरह की सियासी अटकलें लग रहीं हैं। धनखड़ ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह खराब स्वास्थ्य बताया था, लेकिन विपक्ष और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने सरकार के दबाव में इस्तीफा दिया। उनके इस्तीफे को जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर विपक्ष के नोटिस को स्वीकारने से जोड़ा जा रहा है।
पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मामले के जानकारों ने बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर विपक्ष के नोटिस को स्वीकारने के कुछ देर बाद दो दिग्गज मंत्रियों का धनखड़ को फोन आया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि धनखड़ को ये फोन केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने किया था। मंत्रियों ने उनसे कहा था कि इस कदम से प्रधानमंत्री मोदी खुश नहीं हैं। इस पर धनखड़ ने कहा था कि वो नियमों के अंदर ही काम कर रहे हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्ष के नेता जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए मोदी सरकार को घेर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ को जबरन इस्तीफा देना पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यसभा में सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की पहली बैठक के बाद ये सब हुआ। इसके बाद शाम 4 बजकर 30 मिनट पर हुई दूसरी बीएसी बैठक में नेताओं ने न जाने का फैसला किया। सरकार जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया राज्यसभा से शुरू करने पर हैरान थी।