नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को ‘सेंट्रल बोर्ड ऑफ सप्रेसिंग एजुकेशन’ बताया है। उनकी यह टिप्पणी सीबीएसई की ओर से कक्षा 10 और 12 के इतिहास और राजनीति विज्ञान के सिलेबस से कई चैप्टर्स हटाने के बाद आई है। उन्होंने सिलेबस में बदलाव को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा और इसे ‘राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर’ करार दिया।
पढ़ें :- Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस ने अशोक गहलोत को अमेठी और भूपेश बघेल को रायबरेली का नियुक्त किया पर्यवेक्षक
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को ट्वीट कर ‘राष्ट्रीय शिक्षा श्रेडर’ लिखा। उन्होंने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की जिसमें एक श्रेडिंग मसीन लोकतंत्र-विविधता, कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव, गुटनिरपेक्ष आंदोलन, मुगल दरबार, औद्योगिक क्रांति, फैज की कविता, रोजगार, साम्प्रदायिक सौहार्द और संस्थाओं की आजादी जैसे मुद्दों को काटती दिख रही है।
Rashtriya Shiksha Shredder pic.twitter.com/kQG2WwZ77C
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 25, 2022
पढ़ें :- Delhi News : अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की उपराज्यपाल ने की सिफारिश ,आतंकी संगठन से फंड लेने का आरोप
CBSE सिलेबस में बड़ा बदलाव
बता दें कि सीबीएसई (CBSE) ने सत्र 2022-23 के लिए पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड ने कक्षा 11 और 12 के इतिहास, राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीतयुद्ध के दौर, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्य के उदय, मुगल दरबारों के इतिहास और औद्योगिक क्रांति से संबंधित अध्याय हटा दिए हैं।
इसी तरह, कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में खाद्य सुरक्षा से संबंधित अध्याय से ‘कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव’ विषय को हटा दिया गया है। इसके साथ ही ‘धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति-सांप्रदायिकता धर्मनिरपेक्ष राज्य’ खंड से फैज अहमद फैज की दो उर्दू कविताओं के अनुवादित अंश को भी इस साल बाहर कर दिया गया है। सीबीएसई (CBSE) ने पाठ्यक्रम सामग्री से ‘लोकतंत्र और विविधता’ संबंधी अध्याय भी हटा दिए हैं।