नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) और योगगुरु रामदेव के बीच छिड़ी चिकित्सा पद्धति की जंग अब कानूनी ज़मीन पर उतर आई है। बता दें कि बीते शनिवार को पतंजलि योगपीठ ने IMA के उन आरोपों को खारिज किया था, जिसमें चिकित्सा संघ की ओर से कहा गया था कि रामदेव ने ऐलोपैथी के खिलाफ अज्ञानतापूर्ण बयान देकर लोगों को गुमराह किया। साथ ही वैज्ञानिक चिकित्सा को बदनाम किया। बाबा रामदेव के कथित बयान की इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने निंदा की थी। इसके बाद अब एसोसिएशन ने रामदेव को नोटिस भी भेज दिया है। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा था कि रामेदव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है…’।
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इसके बाद अब हरिद्वार स्थिति पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने एक बयान जारी कर कहा कि रामदेव चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों का ‘बेहद सम्मान’ करते हैं जो महामारी के ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में दिन-रात काम करते हैं। इसमें कहा गया कि वह ‘वह उन्हें और कार्यक्रम में भाग ले रहे कई अन्य सदस्यों को व्हाट्सऐप पर प्राप्त एक अग्रसरित संदेश पढ़ रहे थे।’
पतंजलि ने बयान में कही ये बात
आइए हम सब मिलकर पैथियों के नाम पर भ्रम,अफवाह व बेवजह विवाद से परे प्राचीन व आधुनिक विज्ञान के समन्वय से रोगों से पीड़ित मानवता को लाभ पहुंचाने में मदद करें #आचार्यबालकृष्ण @ians_india @ANI pic.twitter.com/c3VfvT5fdp
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) May 22, 2021
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पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के महासचिव आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया कि स्वामी जी की आधुनिक विज्ञान और आधुनिक चिकित्सा पद्धति से चिकित्सा करने वालों के खिलाफ कोई गलत मंशा नहीं है। उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाया जा रहा है वह गलत व निरर्थक है।
इससे पहले आईएमए ने एक बयान में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को रामदेव के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। क्योंकि उन्होंने ऐलोपैथी और वैज्ञानिक चिकित्सा के खिलाफ ‘अज्ञानताभरा’ बयान देकर लोगों को गुमराह करने का काम किया है।