नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बुधवार को एनसीपी अजित पवार गुट (NCP Ajit Pawar faction) को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने अजित पवार गुट (NCP Ajit Pawar faction) को विधानसभा चुनाव में एक स्वतंत्र पार्टी के रूप में लड़ने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने एनसीपी के अजित पवार गुट (NCP Ajit Pawar faction) को चुनाव प्रचार में शरद पवार (Sharad Pawar) के किसी भी ऑडियो या वीडियो का उपयोग न करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) को एक इलेक्ट्रॉनिक सर्कुलर जारी कर सभी उम्मीदवारों को सूचित करना चाहिए कि वे शरद पवार (Sharad Pawar) के वीडियो का इस्तेमाल न करें।
पढ़ें :- संभल की जामा मस्जिद विवाद से माहौल बिगाड़ने की कोशिश, मायावती ने कहा- संज्ञान लें सुप्रीम कोर्ट और सरकार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) से यह भी जांच करने को कहा है कि उनके द्वारा प्रसारित किया गया शरद पवार का संदेश असली है या नहीं। कोर्ट ने दोनों गुटों से मतदाताओं की समझ पर भरोसा रखने और चुनावी मैदान पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।
इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी, जो महाराष्ट्र चुनाव से एक दिन पहले है। जस्टिस सूर्यकांत ने अजित पवार के वकील से कहा चाहे वह पुराना वीडियो हो या न हो, शरद पवार के साथ आपका वैचारिक मतभेद है और आप उनके खिलाफ लड़ रहे हैं। फिर तुम्हें अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करनी चाहिए।
कोर्ट ने अजित पवार गुट को लगाई फटकार
बता दें कि एनसीपी पार्टी में फूट के बाद अजित पवार और शरद पवार अलग-अलग पार्टी बन गई। इसके बाद एनसीपी शरद पवार गुट ने पार्टी और सिंबल को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की। साथ ही शरद पवार गुट (Sharad Pawar faction) ने यह भी आरोप लगाया था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा दिए गए आदेशों का अजित पवार गुट द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है। याचिका पर 7 नवंबर को सुनवाई हुई। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) को 36 घंटे के अंदर अखबार में विज्ञापन प्रकाशित करने का आदेश दिया था, जिसमें कहा गया था कि घड़ी चुनाव चिन्ह का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
पढ़ें :- Kashi Vishwanath-Gyanvapi Mosque Case : सुप्रीम कोर्ट ने ASI और मस्जिद प्रबंधन को जारी किया नोटिस
सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एनसीपी अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) को कुछ अहम निर्देश दिए हैं। अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) को स्वतंत्र पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहिए। एक इलेक्ट्रॉनिक परिपत्र बनाएं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निर्देश दिया है कि आप के उम्मीदवार और कार्यकर्ता शरद पवार की फोटो और वीडियो का इस्तेमाल न करें। साथ ही हमारे द्वारा दिए गए निर्देशों का बिल्कुल पालन करें। कोर्ट ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) से यह भी लिखने को कहा कि यह मामला हर जगह विचाराधीन है।
शरद पवार का पुराना वीडियो इस्तेमाल करने पर रोक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुझाव दिया कि अजित पवार गुट और शरद पवार गुट (Sharad Pawar faction) को चुनाव पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। शरद पवार (Sharad Pawar) के वकील ने कहा कि अजित पवार द्वारा बार-बार शरद पवार (Sharad Pawar) की फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मामले में बोलते हुए कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की। हमेशा ऐसा नहीं होता कि वीडियो आदि मतदाताओं को प्रभावित करें, कभी-कभी ऐसा होता है। कोर्ट ने सलाह दी कि हमारे देश की जनता बहुत बुद्धिमान है, उन्हें कोई धोखा नहीं दे सकता।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि भले ही वीडियो पुराना हो या कुछ भी हो, आप शरद पवार (Sharad Pawar) का चेहरा क्यों इस्तेमाल कर रहे हैं? ऐसा सवाल अजित पवार (Ajit Pawar) से पूछा गया। आपके सभी उम्मीदवारों को शरद पवार (Sharad Pawar) के फोटो और वीडियो का उपयोग क्यों करना चाहिए? अगर आपके बीच वैचारिक मतभेद हैं तो आपको अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए, अजित पवार ने समूह फटकार लगाई। अजित पवार गुट (Ajit Pawar faction) से सफाई दी कि हम किसी भी तरह से उनकी तस्वीरों और वीडियो का उपयोग नहीं कर रहे हैं।